Apple in Hindi
हमारे देश में विभिन्न प्रकार के फल पाए जाते है। जिसमे सेव सबसे प्रमुख फल है। हमारे देश में सेव की खेती हिमालय के तराई वाले इलाको जैसे जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उतर प्रदेश तथा उत्तराखंड में की जाती है। सेव के वृक्ष लगभग 15 मि ऊंचे होते है। ये शीत ऋतू के वृक्ष है, इसलिए अक्टूबर, नवंबर तक ये फल परिपक्क हो जाते है। सेव एक गोलाकार लाल, पीला मिश्रित ये केवल हरे रंग का भी होता है। इसका वैज्ञानिक नाम मेलुस डोमेस्टिका (Malus Domestica) है। अंग्रेजी में सेव के बारे में कहावत है ”An Apple a Day, Keeps a Doctor Away . अर्थात एक सेव रोज़ खाओ और हर बीमारी से दूर रहो। यह एक ऐसा फल है, जिसे बच्चे सबसे पहले और आसानी से पहचान जाते है। सेव की उत्पत्ति भारत के अलावा एशिया, यूरोप और अमेरिका में भी होती है।
सेव खाने के फायदे
सेव पोस्टिक गुणों का खज़ाना है। इसमें नाना प्रकार के पौष्टिक गुण पाए जाते है जैसे वसा, विटामिन A, B और C, कैल्शियम, पोटासियम और एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में मिलते है। नियमित सेव खाने से कई प्रकार की बिमारियों से निजात मिलता है। बच्चो को तो खास तौर पर रोज़ाना सेव खिलाना चाहिए, क्योकि उनका शरीर अभी विकसित हो रहा होता है इसलिए रोज़ाना सेव खिलाना आगे चलकर उन्हें मजबूत बनता है।
सेव की खेती
नवंबर से फरवरी तक सेव का पौधा लगाया जाता है। सेव की उन्नत किस्मो में रेड चीफ, ऑरिगन स्पर, रॉयल डिलिशियस, सन फ्यूजी आदि आते है। यह तीन से चार महीने में परिपक्क हो जाते है। अक्टूबर के अंत तक इसकी कटाई हो जाती है। सेव के पौधे झाड़ीनुमा होते है। सेव जब पक जाते है तो ये पेड़ पुरे फलों से लद जाते है। ये ठन्डे जलवायु क्षेत्र के पौधे है, इसलिए इसकी खेती गर्म जवायु वाले क्षेत्रों में नहीं हो सकती। सेव के पेड़ कम लागत में उगने वाले पेड़ है और बाजार में सेव के दर और इसकी मांग काफी अधिक रहती है। सेव की खेती से किसानो को अच्छा मुनाफा होता है।
सेव दिल को स्वस्थ रखने में उपयोगी होता है। सेव का नियमित तौर पर सेवन करने से फेफड़े भी मजबूत बनते है। सेव के छिलके में मौजूद पेक्टिन हमारे पाचन तंत्र में मददगार साबित होता है। सेव खाने से लीवर स्वस्थ रहता है। सेव हमारे ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है। अगर आप बीमार है तो डॉक्टर आपको फल खाने की सलाह देतें है और फलों में निश्चित तौर पर सेव को शामिल करते है। पीडियाट्रिशियन भी बच्चो के लिए सेव रेकमेंड करते है, क्योकि सेव में पाया जाने वाला आयरन तथा विटामिन सी हड्डियों को मजबूत बनता है। सेव का नियमित सेवन हमारी रोग –प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है। सेव बड़ी आंत की ज़रूरत से ज़्यादा संचित पानी को सोख लेता है तथा पाचक तंत्र में सहयोगी बनता है। सेव हम कच्चा तथा सलाद के रूप में खा सकते है। विभिन्न व्यंजनों, आइसक्रीम इत्यादि में सेव सजावट के काम आता है। सेव से विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी बनाये जाते है। सेव की विभिन्न प्रजातियां बाज़ारों में उपलब्ध है। लाल रंग का नन्हा फल सभी के आकर्षण का केंद्र होता है। इसे बच्चे से लेकर हर उम्र के लोग खा सकते है।
सेव प्रकृति से मिली एक खूबसूरत सम्पदा है,पर अब बढ़ती मांग और पेड़ो की अंधाधुन कटाई ने इसे और भी अधिक महंगा बना दिया है। जिससे ये निम्न मध्यवर्ती लोगो की पहुंच से बाहर है।
सेव के 25 तरह की किस्मे पुरे विश्व में पैदा की जाती है तथा इनका व्यवसाय भी किया जाता है।सेव अपने मिठास के लिए प्रसिद्ध है, पर कोई –कोई सेव हलके –हलके खट्टे होते है। हरे रंग के सेव भी बाज़ारों में उपलब्ध है, पर इसके रंगो पर ना जाये इनमे मिठास भी खूब होती है।
रोज़ एक सेव का सेवन करे। प्रतिदिन एक सेव का सेवन आपको हर प्रकार के रोग से मुक्त रखेगा। हम अक्सर सेव के छिलके छील कर खाते है ,पर ऐसा करने से सेव के छिलके में मौजूद सारे घुलनशील तथा अघुलनशील फाइबर नष्ट हो जाते है। हाँ, ये सच है की सभी प्रकार के फलों और अनाजों में कीटाणुनाशक का प्रयोग किया जाता है, पर अगर आपको इस बात का डर है तो सेव को थोड़े गुनगुने पानी से धो ले जिससे सेव के सारे कीटाणु नष्ट हो जाये। इससे आपको छिलका छीलकर नहीं खाना पड़ेगा। आज इस लेख में आप “10 Lines on Apple in Hindi” पढ़ेंगे।
10 Lines on Apple in Hindi
- सेव लाल रंग का छोटा फल होता है।
- सेव जर्मनी का राष्ट्रिय फल है।
- सेव में विभिन्न प्रकार के फाइबर, पोटैशियम, कैंसर रोधी गुण मौजूद रहते है।
- सेव के छिलके में घुलनशील तथा अघुलनशील फाइबर होते है।
- रोज़ाना एक सेव का सेवन आपको कई प्रकार की बिमारियों से दूर रखता है।
- दुनिया में लगभग 25 प्रकार की सेव की किस्मे पाई जाती है, जिनकी पैदावार, खरीद तथा बिक्री होती है।
- एप्पल नाम का स्मार्टफ़ोन सबसे आधुनिक एंड्राइड फोन है।
- सेव ही आइजक न्यूटन के सामने गिरा था, जिसके बल पर उन्होंने गुरुत्वाकर्षण शक्ति की खोज की थी।
- ऐसा मानना है सिकंदर जब मध्य एशिया आया तब उसने इस फल के बारे में जाना और धीरे–धीरे ये पुरे दुनिया में प्रसिद्ध हो गया।
- सेव की खेती सबसे ज़्यादा कजाकिस्तान में होती है।
5 Lines on Apple in Hindi
- सेव में लगभग छोटे–छोटे भूरे रंग के दस दाने होते है।
- बीमार होने पर डॉक्टर सेव खाने की सलाह देते है।
- एक साल से नीचे बच्चो को सेव उबालकर देना बेहतर होता है।
- सेव का वैज्ञानिक नाम मालुस पुमिला है।
- एक सेव का पेड़ चार से पाँच वर्षो से ही फल देने लग जाता है।
हमें आशा है आप सभी लोगों को Apple in Hindi पर लिखा यह छोटा सा लेख पसंद आया होगा । आप इस लेख को 10 Lines about Apple in Hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
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FAQ on 10 Lines on Apple in Hindi
Question. सेव में कौन कौन से पोषक तत्व पाये जाते है ?
Ans – सेव में पाये जाने वाले पोषक तत्वों में शामिल है -कैल्शियम ,पोटैसियम, माग्निसम,फाइबर ,कैलोरी और विटामिन।
Question. सेव खाने से कब्ज़ कैसे दूर हो सकती है?
Ans- सेव के छिलके में प्रचुर मात्रा में घुलनशील तथा अघुलनशील फाइबर पाये जाते है।रोज़ाना सेव के सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर हो जाती है।
Question. सेव की उम्दा फसल के लिए कैसे मिटटी और जलवायु की आवशयकता है ?
Ans – सेव की खेती समुद्रतल से लगभग 2700मि की उच्चाई ,पहाड़ियों में ,शीत ऋतू जलवायु तथा दोमट मिटटी में होती है।इस के पेड़ चार से पाँच वर्षो में ही फल देना शुरू कर देते है।सेव के पेड़ झाड़ीनुमा होते है और गर्मियों में इनमे फूल लगते है।
Question. भारत में सेव की खेती कहाँ -कहाँ होती है ?
Ans – भारत में सेव की खेती जम्मू और कश्मीर ,हिमाचलप्रदेश ,नैनीताल हिमालय के तराई वाले इलाकों में होती है।
Question. सेव खाने के क्या –क्या फायदे है ?
Ans – सेव खाने से दाँत और हड्डीयाँ मजबूत रहती है।लीवर तथा दिल भी स्वस्थ रहता है। सेव मधुमेह और कैंसर जैसे रोगो को घटाने में सक्षम है।