बाल गंगाधर तिलक भारतीय क्रांतिकारी नेता थे। भारत की आज़ादी में बाल गंगाधर तिलक जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज हम इस लेख में आप सबके लिए ‘10 Lines on Bal Gangadhar Tilak in Hindi‘ लेकर आये है।
Bal Gangadhar Tilak in Hindi
‘स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा।’ यह नारा कोई साधारण व्यक्ति का नहीं बल्कि एक महान स्वतंत्रता सेनानी का है। इन व्यक्ति को इनके काम के चलते पूरी दुनिया आज भी याद करती है। हम यहां पर बात कर रहे हैं सभी भारत के लोगों के प्रिय नेता बाल गंगाधर तिलक की। बाल गंगाधर तिलक का नाम सुनकर हमें एक नारा याद आ जाता है – लाल, पाल, बाल। बाल गंगाधर तिलक ने ही स्वराज शब्द की नींव रखी थी। उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिल रखी थी। लोकमान्य का अर्थ अगर अच्छे से समझे तो इसका अर्थ यह है कि वह लोगो द्वारा चुने गए एक नेता थे। वह भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक और एक स्वतंत्रता कार्यकर्ता थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1856 को रत्नागिरी, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका असली नाम केशव गंगाधर तिलक था। उनके पिता का नाम गंगाधर तिलक था। उनकी माता का नाम पार्वती बाई गंगाधर था। उनके पिता रत्नागिरी में संस्कृत के शिक्षक के तौर पर काम करते थे। उनका पैतृक स्थान तो रत्नागिरी ही था पर उनके पिता के ट्रांसफर के बाद उनके परिवार को पुणे शिफ्ट होना पड़ा। बचपन में वह अपनी कक्षा के होनहार छात्र कहे जाते थे। उनका सबसे पसंदीदा विषय गणित था। उनकी गणित इतनी तेज थी कि वह चुटकियों में कठिन से कठिन सवालों का हल चुटकी में कर देते थे। उनके स्कूल के शुरूआती दिनों में उनके शिक्षक उनके पिता ही थे। मात्र सोलह साल की उम्र में उनकी शादी तापीबाई से हो गई थी। शादी के बाद उनका नाम तापीबाई से सत्यभामा बाई कर दिया गया था। पर जल्द ही उनके जीवन में एक बुरा दिन आया। बहुत कम उम्र में ही बाल गंगाधर तिलक के सिर से मां और बाप का साया उठ गया। एक छोटे बच्चे के सिर से मां बाप की छत्रछाया उठ जाना कोई मामूली बात नहीं है। यह सदमा बहुत ही घातक होता है। हालांकि बाल गंगाधर तिलक इस मामले में दिल के बहुत पक्के थे। इतनी विपरीत परिस्थिति में भी उन्होंने हार नहीं मानी और वह अपने जीवन में आगे बढ़ते गए। पहले उन्होंने संस्कृत और गणित में ग्रेजुएशन पूरा किया फिर उन्होंने गवर्नमेंट लाॅ काॅलेज से एलएलबी पूरी की। उनकी काॅलेज की पढ़ाई पूरी होने से पहले ही वह विष्णुशास्त्री चिपलूनकर और अगरकर जैसे विद्वान लोगों के संपर्क में आ गए थे। इन दोनों के साथ मिलकर बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीय संस्थान की नींव रखी। ऐसा करके वह राष्ट्र में हो रही गतिविधियों पर नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाना चाहते थे। वह बाल गंगाधर तिलक ही थे जिन्होंने मराठी भाषा में केसरी अखबार और अंग्रेजी में मराठा अखबार शुरू किया था। 22 जून, 1897 को कमिश्नर रैंड और एक अन्य ब्रिटिश अधिकारी, लेफ्टिनेंट आयर्स्ट को गोली मार दी गई थी। इसके पीछे चापेकर भाईयों का हाथ था। चापेकर बाल गंगाधर तिलक के अनुयायी थे। अंग्रेजों को यहीं लगा कि इस हत्याकांड के पीछे बाल गंगाधर तिलक का ही हाथ है। इसी के चलते बाल गंगाधर तिलक को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 18 महीने के लिए जेल भेज दिया गया। बाल गंगाधर तिलक ने ही भारत की जनता को स्वदेशी आंदोलन के लिए प्रोत्साहित किया था। उनका यह मानना था कि स्वदेशी अपनाकर और विदेशी माल का बहिष्कार करने पर अंग्रेजों को कमजोर किया जा सकता है। 1 अगस्त 1920 को बाल गंगाधर तिलक सभी भारतवासियों को हमेशा के लिए अलविदा कह गए।
10 Lines on Bal Gangadhar Tilak in Hindi
- बाल गंगाधर तिलक जी का असली नाम केशव गंगाधर तिलक था।
- बाल गंगाधर तिलक जी का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिलखी गांव में 23 जुलाई 1856 में हुआ था।
- बाल गंगाधर तिलक के पिता जी का नाम गंगाधर तिलक और माता जी का नाम पार्वती बाई गंगाधर था।
- बाल गंगाधर तिलक जी की पत्नी का नाम तापीबाई था उन्हें बाद में सत्यभामाबाई तिलक के नाम से जाना गया था।
- बालगंगाधर तिलक का विवाह 1871 में हुआ था।
- बाल गंगाधर तिलक के छह बच्चे थे।
- बाल गंगाधर तिलक को हिन्दु धर्म और इतिहास की बातों में बहुत दिलचस्पी थी।
- लोग उनको लोकमान्य नाम से पुकारते थे। इसका मतलब होता है एक ऐसा नेता जो आम जनता द्वारा चुना गया हो।
- उन्हें भारतीय क्रांति का जनक कहा जाता है।
- उन्होंने भारत में केसरी पत्रिका को प्रसारित करके भारतवर्ष में जागरूकता फैला दी।
5 Lines on Bal Gangadhar Tilak in Hindi
- बाल गंगाधर तिलक जी का असली नाम केशव गंगाधर तिलक था।
- गणित उनका पसंदीदा विषय था।
- बचपन में बाल गंगाधर तिलक ने अपनी शिक्षा अपने पिता से ली थी।
- उनका सबसे यादगार नारा था – ”स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा।”
- बाल गंगाधर तिलक ने ही शिवाजी जयंती और गणेश उत्सव मनाने की परम्परा शूरू की थी।
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FAQ on Bal Gangadhar Tilak in Hindi
Q1. बाल गंगाधर तिलक पेशे से क्या थे?
A1. बाल गंगाधर तिलक पेशे से एक भारतीय राष्ट्रवादी, सामाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और वकील थे।
Q2. केसरी और मराठा पत्रिकाओं के संपादक कौन थे?
A2. केसरी और मराठा पत्रिकाओं के संपादक बाल गंगाधर तिलक थे।
Q3. बाल गंगाधर तिलक किस को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं?
A3. गंगाधर तिलक दादाभाई नौरोजी को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं।
Q4. बाल गंगाधर तिलक की शादी कब हुई थी और उनकी पत्नी का नाम क्या था?
A4. गंगाधर तिलक की शादी 1871 को हुई थी। उनकी पत्नी का नाम तापीबाई था। शादी के बाद तापीबाई का नाम बदलकर सत्यभामा बाई कर दिया गया था।
Q5. हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता किसे कहा जाता है और क्यों कहा जाता है?
A5. हिन्दू राष्ट्रवाद का पिता बाल गंगाधर तिलक को कहा जाता है। उनके इस नाम के पीछे यह कारण था कि उन्होंने ही भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए खूब मेहनत की थी।
Q6. बाल गंगाधर तिलक द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध किताबें कौन सी है?
A6. ऐसे तो गंगाधर तिलक ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखी पर दो किताबें जो सबसे अधिक बिकी और अधिक बार पढ़ी गई।
Q7. गंगाधर तिलक का बचपन का नाम क्या था?
A7. बाल गंगाधर तिलक का बचपन का नाम केशव था। यह नाम उनको अपने दादाजी के पिता के चलते मिला था। उनके परदादा का नाम भी गंगाधर तिलक था।
Q8. न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना कब और किसने रखी थी?
A8. न्यू इंग्लिश स्कूल की स्थापना बाल गंगाधर तिलक ने दो समाजिक सुधारकों गोपाल गणेश अगरकर और विष्णुशास्त्री चिपलूनकर के साथ मिलकर की थी।