10 Lines on Chandrashekhar Azad in Hindi । चंद्र शेखर आज़ाद पर 10 लाइन निबंध

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चंद्रशेखर आजाद एक महान क्रांतिकारी और सच्चे देशभक्त थे। आज़ाद का योगदान भारत की आज़ादी में महत्वपूर्ण है। आज हम इस लेख में आप सबके लिए ‘10 Lines on Chandrashekhar Azad in Hindi‘ लेकर आये है।

Chandrashekhar Azad in Hindi

“अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए.”

-चंद्रशेखर आजाद 

यह महान विचार भारत की आजादी के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के थे। आज से कई साल पहले 23 जुलाई 1906 को सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के घर पर जब बेटे ने जन्म लिया तब उन दोनों में से किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि उनके घर पर एक ऐसे बच्चे ने जन्म लिया है जो आगे चलकर भारत के लिए स्वतंत्रता की नींव रखेगा। उनके घर पर खुब खुशियाँ मनाई गई। 

चंद्रशेखर शेखर आजाद का बचपन 

चंद्रशेखर (आजाद) तिवारी का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भावरा में हुआ था। उनके पिता का सीताराम तिवारी था। उनकी माता का नाम जगरानी देवी था। उनका परिवार पहले उतर प्रदेश के बदरका गांव में रहता था। वहां पर सब कुछ ठीक चल रहा था पर एक दिन बदर गांव ने अकाल का चोला पहन लिया। भीषण अकाल के चलते कई लोग उस गांव से पलायन करने लगे। पलायन करने वाले लोगों में चंद्रशेखर आजाद का परिवार भी शामिल था। आजाद का परिवार मध्य प्रदेश के भावरा में आकर रहने लगा। आजाद बचपन से ही आम बच्चों के मुकाबले थोड़े से ज्यादा तेज थे। वह जहां रहते थे वहां पर भील समुदाय के लोग ज्यादा रहते थे। बचपन में वह अपने उम्र के बच्चों के साथ खेलते हुए धनुष-बाण चलाना भी सीख गए थे। बचपन से ही उनके अंदर स्वतंत्रता पाने की आग जल उठी थी। इसी के ही चलते मात्र 14 साल की उम्र में उन्होंने भारत के एक बड़े आंदोलन में हिस्सा लिया था। यह आंदोलन (असहयोग आंदोलन) 1921 में गाँधीजी द्वारा शुरू किया गया था। असहयोग आंदोलन मेें चंद्रशेखर तिवारी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। जब अंग्रेजों को यह पता चला कि इस आंदोलन में एक नाबालिग भी सक्रिय रूप से भूमिका निभा रहा है तब उन्होंने चंद्रशेखर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। उनसे से खुद का नाम, पिता का नाम और घर का पता पूछा गया तब चंद्रशेखर ने अपना नाम चंद्रशेखर तिवारी ना बताकर चंद्रशेखर आजाद बताया। अपने पिता का नाम स्वतंत्रता बताया। और घर का पता दिया जेलखाना। आजाद की उम्र कम होने की वजह से अंग्रेजों ने उन्हें 15 कोड़े खाने की सजा सुनाई। उनपर जब कोड़े बरसाए जा रहे थे तब उनके मुंह से केवल दो शब्द निकले – ‘वन्देमातरम’ और ‘महात्मा गांधी की जय।’

चंद्रशेखर का युवावस्था का समय 

चंद्रशेखर जैसे-जैसे बड़े होते गए उतनी ही उनमें देशभक्ति की भावना प्रबल होती गई। असहयोग आंदोलन के रूकने से वह बेहद नाराज थे। उनके जीवन में एक नया मोड़ तब आया जब मन्मथनाथ गुप्ता ने उनका परिचय राम प्रसाद बिस्मिल से करवाया जो कि आजाद हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापक थे। वह इस संस्था के लिए अंग्रेजों के यहां से लूटपाट करके फंड इक्कठा किया करते थे। 

काकोरी ट्रेन डकैती

9 अगस्त, 1925 को मध्य उत्तर प्रदेश में काकोरी से अंग्रेजों की ट्रेन लूटपाट का सामान लेकर जा रही थी। यह बात भारत के आंदोलनकारियों को बहुत बुरी लगी। आजाद हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्यों ने ट्रेन को रुकवाकर अंग्रेजी सरकार का लुटा हुआ खजाना लुट लिया। इस डकैती में चंद्रशेखर आजाद भी शामिल थे।

साॅन्डर्स की हत्या

1928 में साइमन कमीशन के विरोध में लाठीचार्ज हुआ था जिसमें भारत के देशभक्त लाला लाजपतराय को गहरी चोट लगने से मृत्यु हो गई थी। लाला लाजपतराय की हत्या का बदला लेने के लिए चंद्रशेखर आजाद ने एक प्लान रचा। इस प्लान में राजगुरू और भगत सिंह भी शामिल थे। दिसंबर 1928 में उन सभी ने मिलकर पुलिस सुपरिटेंडेंट जाॅन साॅन्डर्स की हत्या कर दी। हालांकि उन सभी का इरादा लाला के मुख्य हत्यारे पुलिस अधिकारी जेम्स स्कॉट को मारने का था।

10 Lines on Chandrashekhar Azad in Hindi

  1. चन्द्रशेखर आजाद महान क्रन्तिकारी थे।
  2. चन्द्रशेखर आजाद का जन्म भाबरा गाँव (वर्तमान आजादनगर) में 23 जुलाई वर्ष 1906 को हुआ था।
  3. उनका असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था।
  4. आज़ाद के पिता का नाम सीताराम तिवारी और माता जी का नाम जगरानी देवी था।
  5. उनका परिवार उत्तर प्रदेश के बदरका गांव से ताल्लुक रखते थे।
  6. उनको प्यार से आजाद बुलाया जाता था। आजाद का अर्थ है स्वतंत्रता।
  7. आजाद की मां चाहती थी कि उनका बेटा संस्कृत का ज्ञानी बने इसलिए उनका दाखिला काशी विद्यापीठ, बनारस में करवा दिया।
  8. आजाद ने बचपन में ही तैराकी, तीरंदाजी और कुश्ती जैसे खेल सीख लिए थे।
  9. जलियांवाला कांड से चंद्रशेखर आजाद बहुत ज्यादा आहत हुए थे।
  10. अंग्रेजों ने आजाद और भगतसिंह को आतंकवादी कहा था।

 5 Lines on Chandrashekhar Azad in Hindi

  1. चंद्रशेखर (आजाद) तिवारी का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भावरा में हुआ था।
  2. मात्र 15 साल की उम्र में उन्हें जेल जाना पड़ा था क्योंकि वह असहयोग आंदोलन में महात्मा गांधी का साथ दे रहे थे।
  3. वहां पर सजा के रूप में उनको 50 कोड़ो मारने का फरमान सुनाया गया।
  4. अल्फ्रेड पार्क में आजाद शहीद हुए थे। आज वही अल्फ्रेड पार्क चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है।
  5. वह अंग्रेजों को लूटकर जितना भी पैसा इक्कठा करते थे वह सारा भारत की भलाई में ही लगाते थे।

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FAQ on Chandrashekhar Azad in Hindi 

Question : चंद्रशेखर आजाद का असली नाम क्या था?
Answer : चंद्रशेखर आजाद का असली नाम चंद्रशेखर सीताराम तिवारी था।

Question : चंद्रशेखर आजाद का जन्म कब और कहां हुआ था?
Answer : आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भावरा में हुआ था।

Question : चंद्रशेखर ने कोर्ट से अपने नाम के बारे में क्या कहा था?
Answer : चंद्रशेखर ने कोर्ट को अपना नाम बताया था आजाद। अपने पिताजी का नाम बताया था स्वतंत्र और घर का पता बताया था जेल।

Question : आजाद की उम्र क्या थी जब वह असहयोग आंदोलन से जुड़े थे?
Answer : आजाद की उम्र मात्र 15 साल थी जब वह असहयोग आंदोलन का हिस्सा बने थे।

Question : आजाद को किस घटना ने स्वतंत्रता संग्राम में कूदने को मजबूर कर दिया था?
Answer : वर्ष 1919 में भारतवासियों के साथ एक बहुत बुरी घटना घटी। यह ऐसी घटना थी जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। हुआ यूं कि साल 1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग में जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसा दी गई थी। इस हत्याकांड में हजारों बेगुनाह लोग मारे गए थे।