चारमीनार भारत के हैदराबाद में स्थित ऐतिहासिक स्मारक है। यह चार मीनारों से मिलकर बना है। आज हम इस लेख में आपके लिए ‘10 Lines on Charminar in Hindi‘ लेकर आये है।
Charminar in Hindi
चारमीनार भारत के ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। चारमीनार आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में स्थित है। यह हैदराबाद के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। चारमीनार का अर्थ है चार मीनारो वाला अर्थात Four Tower। इसका निर्माण लगभग 450 वर्ष पूर्व सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने करवाया था। सुल्तान कुतुब शाही राजवंश के पांचवे शासक थे। मोहम्मद कुली कुतुब शाह इब्राहिम कुली कुतुब शाह के तीसरे पुत्र थे। कुली कुतुब शाह ने चारमीनार को 1591 में बनाया था। गोलकुंडा तब वहां की राजधानी हुआ करती थी। कुतुब शाह ने गोलकुंडा पर लगभग 31 वर्षों तक शासन किया था। चार मीनार के निर्माण के बाद इसके चारों ओर का शहर धीरे-धीरे विकसित हुआ। चारमीनार के उत्तर में इसका प्रमुख प्रवेश द्वार है, जिसे चार कमान कहते हैं। चार मीनार की स्थापना हेतु विख्यात फारसी आर्किटेक्चर को बुलाया गया था। इस मीनार को इस्लामिक वास्तुकला शैली में बनाया गया है पर कहीं-कहीं इसमें फारसी वास्तुकला के नमूने भी देखने को मिल जाते हैं। पहले इसका निर्माण एक मस्जिद और मदरसा के रूप में हुआ था। चार मीनार लगभग 48.7 मीटर ऊंचा है। चार मीनार के निर्माण के पीछे कहानी यह है कि इसका निर्माण इसलिए हुआ ताकि गोलकुंडा और मछलीपट्टनम के मार्ग को व्यापार के लिए जोड़ा जा सके। इसके निर्माण के पीछे दूसरी कहानी यह है कि उस वक्त हैदराबाद में प्लेग भयंकर रूप से फैल रहा था और उस वक्त सुल्तान कुली कुतुब शाह ने इसके निवारण के लिए बड़े ही सख्त प्रयास किए थे। उनकी कोशिशें रंग लाई और प्लेग से लोगों को छुटकारा मिल गया था मिसाल के तौर पर कुली कुतुब शाह ने एक मीनार बनवा दिया जोकि चारमीनार के नाम से प्रसिद्ध हुआ। चारमीनार के निर्माण के लिए फारसी आर्किटेक्चर को बुलाया गया उसने चार मीनार का निर्माण वर्गाकार रूप में किया था, जिसका हर भाग 20 मीटर लंबा है। चार मीनार के प्रत्येक दिशा में एक दरवाजा है जो अलग-अलग बाजारों की ओर खुलता है। मीनार के हर कोने में 56 मीटर ऊंची मीनार है हर मीनार में दो बालकनी है हर मीनार के ऊपरी हिस्से में एक गुंबद बना है। सबसे ऊपर जाने के लिए वहां कुल 149 सीढ़ियो को बनाया गया है। लोग हैदराबाद दो वजहों से जाते हैं पहला है चारमीनार के दर्शन हेतु दूसरा हैदराबादी बिरयानी को खाने हेतु चार मीनार का निर्माण चूना पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर से किया गया था। शुरू में इसे एक निश्चित अनुपात में चार मेहराब बनाने की योजना बनाई गई थी लेकिन जैसे-जैसे शहर का निर्माण हुआ काफी लोग वहां बसते गए और जल्द ही वहां बहुत अधिक चहल-पहल शुरू हो गई। इसके बाद शहर में खुशहाली आ गई तो मोहम्मद ने इसे एक स्मारक के तौर पर स्थापित करवा दिया। चारमीनार को गोलकुंडा किले से जोड़ने के लिए एक सुरंग का भी निर्माण करवाया गया था जो कि अब तक अज्ञात है इस सुरंग को इसलिए बनवाया गया था कि अगर शत्रुओं का आक्रमण हो तो सम्राट गुप्त सुरंग से भाग सकें। चारमीनार दो मंजिला इमारत है चारमीनार के चारों कोनों के वक्र में एक -एक घड़ियां बनाई गई हैं। इमारत के ऊपर एक गुंबद बना है। मीनार के ऊपर पश्चिम दिशा में एक खुला हुआ मस्जिद बना है तथा बाकी हिस्सा खुला हुआ है कहा जाता है कि बाकी के खुले हिस्से में कुली कुतुब शाह का दरबार सजता था।यह मस्जिद पश्चिम की ओर मुंह किए हुए हैं जो कि इस्लामो का तीर्थ स्थान मक्का है। यह मीनार दो मंजिला है और मीनार में बालकनी है जहां से बाहर का भव्य दृश्य दिखाई देता है। दो बालकोनी को जोड़ने के लिए छत बना हुआ है इसके ऊपर एक बड़ा छत भी है, जिसके चारों तरफ पत्थरों का घेरा बना है। एक मुख्य बालकनी के 45 जगह है जहां पर 45 लोग बैठ कर नमाज पढ़ सकते हैं। इसके सामने का बड़ा हिस्सा खुला हुआ है। हर शुक्रवार को यहां नमाज अदा की जा सकती है तथा काफी संख्या में लोग उपस्थित भी होते हैं। चार मीनार की चार प्रमुख दिशाओं के वक्र में सन 1889 को घड़ियां लगाई गई थी। चारमीनार के बीचो बीच एक छोटा सा पोखर है, जिसके ऊपर फवारा लगा हुआ है। चारमीनार के चारों द्वार अलग-अलग बाजारों में खुलते हैं। चार मीनार के पास स्थित लॉर्ड बाजार गहनों के लिए काफी मशहूर है। पथेर गट्टी बाजार अपनी खूबसूरत मोतियों के लिए प्रसिद्ध है। चारमीनार के आस पास बहुत सारी दुकाने हैं। चारमीनार एक ऐसा स्थान है जहां 365 दिन लोगों की चहल-पहल रहती है। बढ़ती प्रदूषण के कारण चारमीनार की रौनक घट रही है इसीलिए तेलंगाना सरकार ने चार मीनार से 200 मीटर तक गाड़ियों के चलने पर पाबंदी लगा दी है ताकि चारमीनार की रौनक बरकरार रहे।
10 Lines on Charminar in Hindi
- चारमीनार को इस्लाम धर्म के प्रथम चार खलीफो का प्रतीक माना जाता है।
- चारमीनार के चारों कोनो के वक्र पर चार घड़ियां लगाई गई हैं।
- चारमीनार में दक्षिण की ओर मक्का है।
- चारमीनार के बाएं तरफ लाड बाजार स्थित है ।
- चार मीनार की चोटी पर एक गुंबद बना है।
- प्रत्येक मीनार की चोटी पर जाने के लिए 149 घुमावदार सीढ़ियां बनी हुई है।
- इससे हर शाम रंग बिरंगी रोशनी से प्रकाशित किया जाता है।
- चार मीनार का निर्माण इंडो इस्लामिक कला के आधार पर किया गया है।
- यह हैदराबाद के प्रसिद्ध इमारतों में से एक है।
- चारमीनार के ऊपरी हिस्से में खुला हुआ मस्जिद है।
5 Lines on Charminar in Hindi
- चारमीनार भारत के ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।
- इसका निर्माण 1591 सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने करवाया था।
- मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने लगभग 31 वर्षों तक गोलकुंडा पर राज किया था।
- यह ऐतिहासिक स्मारक हैदराबाद में स्थित है।
- भारत में यह एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
FAQ on Charminar in Hindi
Question : चारमीनार किसने और कब बनवाया?
Answer : चार मीनार का निर्माण सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1591 में किया था।
Question : चारमीनार को क्यों बनवाया गया?
Answer : चार मीनार का निर्माण किया गया था ताकि गोलकुंडा और मछलीपट्टनम के मार्ग को व्यापार हेतु जोड़ा जा सके।
Question : चारमीनार के अलावा हैदराबाद में और कितने पर्यटन स्थल है?
Answer : चारमीनार के अलावा हैदराबाद में पुराने बाजार हैं जहां महंगी से महंगी और सस्ती से सस्ती वस्तुएं उपलब्ध है। शानदार मस्जिद, गोल्कोंडा फोर्ट, सिटी बाजार, झील, रामोजी फिल्म सिटी, चोमहल्ला पैलेस, बिरला मंदिर, नेहरू जूलॉजिकल पार्क आदि देखने योग्य हैं।
Question : चारमीनार के संरचना के बारे में बताएं।
Answer : चारमीनार दो मंजिला इमारत है। यह लगभग 48.7 मीटर ऊंचा है इसके निर्माण के लिए फारसी आर्किटेक्चर को बुलाया गया था। मीनार वर्गाकार रूप में बनाया गया है। इसका हर भाग 20 मीटर लंबा है। मीनार के हर कोने में 56 मीटर ऊंची मीनार है। मीनार के ऊपर एक गुंबद बना है तथा ऊपर तक जाने के लिए 149 सीढ़ियां बनी है।
Question : चारमीनार के निर्माण में किन किन पत्थरों का प्रयोग किया गया है?
Answer : चारमीनार के निर्माण में ग्रेनाइट, संगमरमर और मोर्टार के सामान का प्रयोग किया गया है। इसमें इस्लामी वास्तुकला का प्रयोग किया गया है।