Earth Day को हिंदी में पृथ्वी दिवस के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी दिवस हमारी पृथ्वी को समर्पित दिन है। आज हम इस लेख में आपके लिए ‘10 Lines on Earth Day in Hindi‘ लेकर आये है।
Earth Day in Hindi
पृथ्वी हमारी धरा हमारी माता हमें संचालित एवं पोषित करती है। सभी जीवित प्राणियों का अस्तित्व धरती की गोद में है। अगर पृथ्वी नहीं तो हम भी नहीं हम सभी इस तथ्य से परिचित हैं, कि हमारे सौरमंडल में पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है। यहां जल, वायु मंडल तथा सूर्य से निश्चित दूरी की वजह से ही ऐसा संभव हो पाया है। पर मानव सभ्यता को भी विकसित होने में करोड़ों साल लग गए हैं। बंदर हमारे पूर्वज थे पहला मानव भी अन्य वन्य प्राणियों की तरह जंगल में रहता था, शिकार करता था, जंगली फल मूल खा कर जीवन यापन करता था। पर एक चीज जो हमें बाकी प्राणियों से अलग बनाती है वह है हमारे सोचने की शक्ति। इंसान सोच सकता है उसकी बुद्धि बाकी प्राणियों से बेहतर थी इसीलिए उसका धीरे-धीरे विकास होता चला गया। अपनी बुद्धि से उसने सभी प्राणियों को अपना गुलाम बनाया।
आज मानव सभ्यता के सफलता के शिखर पर है वह दूसरे ग्रहों तथा चंद्रमा की सैर कर सकता है धरती की संरचना इसकी भौगोलिक भविष्यवाणी भी कर सकता है पर हम चाहे कितनी भी तरक्की कर ले कितने भी उन्नत हो जाए पृथ्वी का कर्ज हम कभी भी उतार नहीं सकते। पृथ्वी हमसे बड़ी है और हम पृथ्वी से बड़े नहीं। हाल में आए कोरोना महामारी ने हमें यह बात भली-भांति समझा दिया है।
पृथ्वी दिवस से क्या तात्पर्य है ?
हम हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाते हैं पर्यावरण के संरक्षण हेतु पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव जंतुओं की रक्षा के लिए अर्थ डे अर्थात पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। प्रदूषण की रोकथाम, प्राकृतिक संसाधनों का बचाव, विलुप्त होते जीव जंतु का संरक्षण इन विषयों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हम पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाते हैं। पृथ्वी यानी वसुधा या वसुंधरा हमें विरासत में मिली संपत्ति है, पर हम इसे क्षति पर क्षति पहुंचाए जा रहे हैं अगर अब भी सावधान नहीं हुए तो वह समय दूर नहीं जब पृथ्वी पर हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। लोगों में इस जागरूकता को फैलाने के लिए हम हर साल पृथ्वी दिवस मनाते हैं।
पृथ्वी दिवस की शुरुआत कैसे हुई ?
1970 में विश्व का पहला पृथ्वी दिवस मनाया गया, जब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के सीनेटर ने प्रकृति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए रैली निकाली। साल के आखिर तक अमेरिकी सरकार ने एनुअल प्रोडक्शन एजेंसी भी तैयार कर ली। 1990 तक पृथ्वी दिवस को 140 से भी अधिक देशों ने इसे मनाया। इस वर्ष भी कई देशों ने बड़े उत्साह के साथ पृथ्वी दिवस मनाया। पृथ्वी दिवस हर वर्ष किसी ना किसी थीम पर आधारित होती है। इस साल का थीम था – इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट अर्थात हमारे ग्रह पर निवेश निवेश करें। हम सब पूंजी में निवेश करते हैं पर हमारी विरासत में मिली धरोहर के लिए कुछ भी नहीं करते। प्रदूषण आज का सबसे बड़ा और भयंकर संकट है। प्राकृतिक संसाधन भी धड़ल्ले से प्रयोग होते और खत्म होते जा रहे हैं। चाहे वह कोयला हो या पेट्रोल या फिर अन्य खनिज पदार्थ जो की धारा में एक निश्चित मात्रा में मौजूद है और समय के साथ खत्म होते जा रहे हैं। केवल प्राकृतिक संसाधन ही नहीं कुछ जीवो का जीवन भी संकट में पड़ा हुआ है और शायद एक समय ऐसा आया जब यह हमारी वसुधा से ही पूर्णता गायब हो जाए और हमारी भावी पीढ़ी केवल इन के फोटो और पिक्चरों को ही देखकर संतोष कर ले। वैज्ञानिक दृष्टि से तो हमने कई सारी उपलब्धियों को प्राप्त कर ली है पर हम केवल अपने भौतिक सुखों का ही विकास कर रहे हैं। मानसिक रूप से आज का मानव सुखी नहीं है। प्रतिदिन कितने पेड़ कटते जा रहे हैं जो शायद 10 से 15 वर्षों में विकसित हुए थे पर बदले में नए पेड़ नहीं उग रहे हैं। पर्यावरण पर भाषण तो ढेर सारे देते हैं पर वास्तव में अमल कुछ भी नहीं करते। अगर परिवार का एक दो सदस्य अपने ही घर पर थोड़े बहुत पेड़ लगा ले तो समस्या कुछ हद तक घट सकती है।
हमें पृथ्वी दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों है ?
पृथ्वी दिवस इस लिए मनाया जाता है, ताकि प्रकृति के बारे में लोगों की जागरूकता को बढ़ावा दिलाया जा सके। हम जाने-अनजाने प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं यह स्वयं हम भी नहीं जानते। पृथ्वी को संजोकर रखने का दायित्व केवल एक देश का नहीं बल्कि समस्त विश्व के लोगों का है। हमें याद रखना होगा कि पृथ्वी हम से नहीं, बल्कि हम पृथ्वी से हैं पर जनसंख्या का बढ़ता दबाव, घटते अरण्य, विलुप्त होते जीव, पिघलते ग्लेशियर, ओजोन लेयर में छेद क्या इतना काफी नहीं है हमारे सतर्क होने के लिए। पृथ्वी दिवस केवल 1 दिन नहीं बल्कि रोज ही मनाने की आवश्यकता है। पेड़ हमें ऑक्सीजन, फल- फूल, जड़ी बूटियां ,औषधि ,वायु, छाया, लकड़ी सब कुछ प्रदान करती है। प्रकृति से हमें पीने के लिए पानी, रसोई के लिए तेल, खनिज -पदार्थ सब कुछ मिलता हैं बस जरूरी है तो सोच समझ कर इन्हें उपयोग करने की। धरती हमारी माता है। यहां हमने जन्म लिया पले बढ़े पर बदले में धरती मां को हमने क्या दिया केवल प्रदूषण।
प्रदूषण को रोकने का एकमात्र विकल्प यह है कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाए जाए। धरती अनमोल है आइए इसे भावी पीढ़ी के लिए संजो कर रखें।
10 Lines on Earth Day in Hindi
- दुनिया में हर वर्ष 22 अप्रैल को अर्थ डे मनाया जाता है।
- इसका आरंभ अमेरिकी सीनेटर गिलार्ड नेशन गिलार्ड नेल्सन ने किया।
- नेलसन कई वर्षों से प्रकृति संरक्षण के उपाय खोज रहे थे।
- अब दुनिया की लगभग 200 देश इस दिवस का पालन करती है।
- प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है इसीलिए प्रकृति की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।
- अर्थ डे इसलिए मनाया जाता है ताकि लोगों को प्रकृति के बारे में जागरूक किया जा सके।
- अर्थ डे का पालन पेड़ लगाकर किया जाता है।
- इस दिन हर वर्ष किसी ना किसी थीम पर को लेकर अर्थ डे मनाया जाता है।
- इस वर्ष का थीम था इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट अर्थात हमारे गृह में निवेश करें।
- वृक्षारोपण, मीठे जल का संरक्षण आदि अनेक उपाय है जिससे हम अपने धरा को सुरक्षित रख सकते हैं।
5 Lines on Earth Day in Hindi
- हवा , पानी हमें मुफ्त में मिली विरासत है।
- पशु ,पक्षियों ,जीव जंतु ,मानव सभी केवल पृथ्वी पर ही पाए जाते हैं।
- पृथ्वी से ही हमारा अस्तित्व संभव है।
- हमें प्राकृतिक संपदा का सोच समझकर प्रयोग करना चाहिए।
- हमारी धरती अनमोल है एवं इसे संजो कर रखना हमारा दायित्व है।
FAQ on Earth Day in Hindi
Question : अर्थ डे कब मनाया जाता है ?
Answer : अर्थ डे हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है।
Question : अर्थ डे क्यों मनाया जाता है ?
Answer : अर्थ डे इसलिए मनाया जाता है ताकि पृथ्वी के प्रति लोगों में जागरूकता जाग सके।
Question : इस वर्ष का थीम क्या था ?
Answer : इस वर्ष का थीम था इन्वेस्ट इन आवर प्लेनेट अर्थात हमारे ग्रह पर निवेश करें।
Question : पृथ्वी से हमें क्या -क्या मिलता है ?
Answer : पृथ्वी से हमें वायु ,भोजन ,भूमि ,पानी इत्यादि मिलते हैं।
Question : अर्थ डे मनाने की आवश्यकता क्यों है ?
Answer : अर्थ डे की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर गिलार्ड ने की थी वह भी प्रकृति प्रेमी थे और लोगों को प्रकृति के बारे में बताना चाहते थे। अर्थ डे मनाने की आवश्यकता इसलिए है ताकि लोगो को प्रकृति के बारे में सचेत किया जा सके।