मंगल पांडेय प्रथम भारतीय स्वतंत्रता सैनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ 1857 में विद्रोह किया था। आज हम इस लेख में आपके लिए ‘10 Lines on Mangal Pandey in Hindi‘ लेकर आये है।
Mangal Pandey in Hindi
मंगल पांडे की ख्याति प्रथम भारतीय स्वतंत्रता सेनानी के रूप में है। भारत में बाद में भले ही अनेक स्वतंत्रता सेनानी आए तथा जोरदार तरीके से अंग्रेजों का विरोध भी किया, कुछ हिंसा के पद से तथा कुछ अहिंसा के बल से अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया,पर इस बगावत की चिंगारी को मंगल पांडे ने जलाया जो 90 साल में पूरी तरह से दावानल के रूप में परिवर्तित हो गया तथा जिस आग ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए बाध्य किया।
मंगल पांडे का जीवन परिचय
मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में नगवा नामक गांव में हुआ था। यह जाति से हिंदू ब्राह्मण थे । वह अपने धर्म में काफी आस्था रखते थे । उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे तथा माता का नाम अभय रानी था ।मंगल पांडे ने 1849 को ईस्ट इंडिया की आर्मी जॉइन की।चुँकि वह परेड बहुत अच्छा करते थे इसीलिए उन्हें पैदल सेना में सिपाही बनाया गया।इन सेना में अधिकतर ब्राह्मण ही भर्ती हुआ करते थे।यह थी 34 वी बंगाल नेटिव इन्फेंट्री।मंगल पांडे स्वभाव से स्वामीभक्त थे। वह अपने कार्य को पूरी लगन व निष्ठा से करते थे।इसके साथ ही वे काफी महत्वाकांक्षी भी थे और कुछ अलग करने, का जज्बा रखते थे। मंगल पांडे जिस सेना में थे उस बंगाल की सेना ने नई राइफल सेना में शामिल किया। यह एनफील्ड 5 में कारतूस भरने के लिए राइफल को मुंह से खोलना पड़ता था। बाद में सेना में यह अफवाह फैली कि राइफल में गाय तथा सूअर के चर्बी का प्रयोग किया जाता है। इस बात ने पूरी सेना में भूचाल मचा दिया। हिंदू तथा मुस्लिम दोनों के लिए ही गाय तथा सूअर का मांस वर्जित था। उन्हें महसूस हुआ कि अंग्रेज जबरन उनका धर्म नष्ट कर रहे हैं। हिंदुओं के लिए गाय मां समान है, तो हिंदुओं के लिए गाय की चर्बी मुंह से निकालना असहनीय था। भारतीयों के अंदर यह भावना जाग उठी कि अंग्रेज जानबूझकर यह सब उन से करवा रहे हैं ताकि उनका धर्म नष्ट हो जाए और हिंदू मुस्लिम आपस में लड़ मरे। एक बगावत की भावना सैनिकों के दिलों पर घर कर गई ।9 फरवरी 1857 को जब इस प्रकार की राइफल को सेना में बांटा गया था कि इसका उपयोग कैसे करना है, सिखाया जा सके।अंग्रेज अफसर ने जब मंगल पांडे से मुंह से कारतूस को लगाने को कहा तो मंगल पांडे ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। अंग्रेज अफसर को यह बात काफी अपमानजनक लगी और उसने मंगल पांडे को काफी बुरा भला भी कहा। इस घटना के बाद मंगल पांडे को सेना से भी निकालने का फैसला किया गया। 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे की वर्दी और राइफल सेना ने वापस लेने का सिद्धांत लिया। अंग्रेज अफसर हेयरसेय उनकी तरफ बढ़े लेकिन मंगल पांडे ने उन पर हमला कर दिया। मंगल पांडे ने साथियों से भी विद्रोह करने का आग्रह किया,पर अंग्रेजों के डर से कोई सामने नहीं आया। मंगल पांडे ने इस अफसर पर गोली चला दी और उस अफसर के बेटे पर भी गोली चला दी। तत्पश्चात उन्होंने अपने ऊपर भी गोली चलानी चाही, पर अंग्रेजों द्वारा पकड़ लिए गए और उन्हें हिरासत में रख लिया गया। बगावत की इस पहली विपुल से सारी अंग्रेज सरकार में अफरा तफरी मच गई। मंगल पांडे को कोर्ट मार्शल करने का फैसला सुनाया गया और यह भी बताया गया कि 18 अप्रैल 1857 को उन्हें हांसी पर लटकाया जाएगा। लेकिन ब्रिटिश अफसरों को मंगल पांडे का इतना भय था कि वह इस मसले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहते थे इसीलिए अंग्रेज सरकार ने 18 की जगह 10 दिन पहले अर्थात 8 अप्रैल को ही मंगल पांडे को फांसी की सजा दे दी। मंगल पांडे के मरने के 1 महीने बाद भी उत्तर प्रदेश की एक सेना की छावनी में इस घटना के विद्रोह में बहुत से लोग सामने आए। वे सभी कारतूस, राइफल के उपयोग का विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।धीरे-धीरे इस विद्रोह ने विकराल रूप धारण किया।
मंगल पांडे एक ऐसे व्यक्तित्व थे,जिन्होंने केवल अपने दम पर ब्रिटिशो से विद्रोह मोल लिया था। महज 30 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपना जीवन देश के नाम कुर्बान कर दिया। मंगल पांडे के सम्मान में भारत सरकार ने 5 अक्टूबर 1984 को एक पोस्टेज स्टैंप चालू किया, जिसमें मंगल पांडे की फोटो भी थी। इसके अलावा 2005 में बॉलीवुड में मंगल पांडे की जीवनी पर फिल्म भी बनाई गई। इसके साथ में हैदराबाद के एक थिएटर में ‘दी रोटी रेवेलियन’ के नाम से 2005 में मंगल पांडे की जीवनी पर कहानी दिखाई गई। मंगल पांडे एक ऐसा व्यक्तित्व थे, जिन्होंने बिना परिणाम की परवाह किए अंग्रेजों से बगावत किया जिसमें वे अपनी मर्जी से ही भर्ती हुए थे और सेना के लिए बहुत कुछ करना भी चाहते थे। वह निर्भीक स्वभाव के थे। उस समय जहां अंग्रेजों से बगावत के बारे में सोचना भी सपने से परे था। उस समय उन्होंने अकेले के दम पर बगावत का बिगुल बजाया। उन्होंने औरों से भी विद्रोह करने को कहा पर सभी अंग्रेजों के डर के मारे सामने ना आ सके। उन्होंने अंग्रेज अफसर पर ही गोली चला दी और तो और गोली चलाते वक्त उनके हाथ बिल्कुल भी नहीं कापे।वह हंसते हंसते फांसी पर लटक गए पर जाते-जाते भारतीयों को जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करने की प्रेरणा भी दे गए।आज उनका नाम भले ही इतिहास के पन्नों पर ना मिलता हो पर उनका योगदान अतुलनीय है, जिसे हम कभी भी भुला नहीं सकते ।
10 Lines on Mangal Pandey in Hindi
- मंगल पांडे पराधीन भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे।
- इनका जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में हुआ था।
- इनकी माता का नाम अभय रानी देवी और पिता का नाम दिवाकर पांडे था।
- यह जाति से हिंदू ब्राह्मण थे।
- इन्हें हिंदुत्व पर काफी आस्था थी।
- महज 22 वर्ष की उम्र में इन्होंने ईस्ट इंडिया की आर्मी जॉइन की।
- मंगल पांडे बहुत अच्छा परेड करते थे इसलिए इन्हें पैदल सेना में शामिल किया गया।
- इस तरह की सेना में अक्सर ब्राह्मण ही भर्ती हुआ करते थे।
- मंगल पांडे महत्वाकांक्षी स्वभाव के थे।
- वे पूरी लगन और निष्ठा से अपने कर्तव्य का पालन करते थे।
5 Lines on Mangal Pandey in Hindi
- बंगाल नेटिव इन्फेंट्री सेना के सैनिकों के लिए नए कारतूसों को शामिल किया गया।
- यह इनफील्ड 5 कारतूस भरने के लिए नई राइफल को मुंह से खोलना पड़ता था।
- यह अफवाह फैली कि कारतूस में गाय और सुअर की चर्बी का इस्तेमाल होता है।
- इसका विरोध केवल मंगल पांडे ने हीं किया ।
- जिसके तहत उन्हें उनका कोर्ट मार्शल करके उन्हें फांसी की सजा दे दी गई।
FAQ On Mangal Pandey in Hindi
Question : मंगल पांडे का जन्म कहां हुआ था तथा उनके माता-पिता का क्या नाम था?
Answer : मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे तथा माता का नाम अभय रानी था।
Question : मंगल पांडे बड़े होकर कौन सी सेना में भर्ती हुए ?
Answer : मंगल पांडे बड़े होकर 34 वी बंगाल नेटिव इन्फेंट्री सेना में भर्ती हुए।
Question : मंगल पांडे ने बगावत क्यो की?
Answer : बंगाल नेटिव इन्फेंट्री सेना में नए कारतूस को शामिल किया गया ,जिन्हें मुंह से निकालकर बारूद भरना पड़ता था। राइफल की सील गाय और सुअर की चर्बी से बनी होती थ। यह बात चारों ओर फैल गई गाय और सुअर की चर्बी से बनी सील ना तो हिंदू काट सकते थे और ना ही मुसलमान इसलिए मंगल पांडे ने बगावत कर दी ।
Question : मंगल पांडे को कौन सी सजा हुई ?
Answer : मंगल पांडे को ईस्ट इंडिया कंपनी से बगावत करने के जुर्म में फांसी की सजा सुनाई गई ।
Question : मंगल पांडे चर्चित बॉलीवुड चलचित्र कौन सी है?
Answer : मंगल पांडे पर चर्चित प्रसिद्ध चलचित्र मंगल पांडे है, जो साल 2005 में रिलीज हुई थी।