10 Lines on My Teacher in Hindi । मेरी अध्यापक पर 10 पंक्तियाँ

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शिक्षक या शिक्षिका जिसे अंग्रेजी भाषा में टीचर कहा जाता है। गुरु के बिना ज्ञान की कल्पना नहीं की जा सकती है। आज हम इस लेख में 10 Lines on My Teacher in Hindi आपके लिए लेकर आये है।

My Teacher in Hindi

विद्यालय वह संस्था है, जहां से मनुष्य के मानवीय गुणों का विकास होता है।उसे हर विषय के बारे में जानकारी प्राप्त होती है चाहे वह इतिहास हो भूगोल, गणित हो या विज्ञान । मनुष्य के जीवन के 21 वर्ष स्कूलों और कॉलेजों में व्यतीत होते हैं , जहां से उसका बौद्धिक विकास के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है। स्कूल में विद्यार्थी हर किसी के संपर्क में आता है -जैसे उसके मित्र ,उसके शिक्षक तथा और भी अन्य लोग जो स्कूल से तो जुड़े नहीं होते पर परोक्ष रूप से विद्यार्थी के जीवन को प्रभावित अवश्य करते हैं । इनमें से कोई कोई शिक्षक ऐसे होते हैं, जो विद्यार्थी के जीवन में अमिट छाप छोड़ जाते हैं , जो भूले नहीं बुलाए जाते हैं तथा हमेशा के लिए यादगार बन जाते हैं ।
मेरे भी जीवन में एक ऐसी ही शिक्षिका थी जिसने मेरे जीवन में अपनी अमिट छवि छोड़ दी है। वह मेरे लिए हमेशा प्रेरणादाई रही हैं । बात उन दिनों की है जब मैं कक्षा पांचवी में थी । हमारी नई मैडम हमारी कक्षा में आई । वह हमें अंग्रेजी पढ़ाती थी । पहले ही दिन उन्होंने बड़ी कड़ाई से हमारे साथ पेश आयी । उनके जाने के बाद हम लोगों ने उनके बारे में काफी चर्चा की कुछ तो उनकी बुराई भी की। पहले दिन हमें वह मैडम बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी । शिक्षिका का नाम जागृति पटेल था। महीने भर यूं ही चलता रहा हम सभी भी अड़ियल की तरह कक्षा में उन से पेश आते, उन्हें 40 मिनट तक झेलते । इस इंतजार में रहते कि कब घंटी बजे और इनसे हमें छुटकारा मिले। महीने भर के बाद जैसे अचानक उनके व्यवहार में परिवर्तन आ गया। वह पहले जैसी नहीं रही हम लोगों से काफी मिलनसार हो गई। उनके इस बदलते हुए रूप को देखकर हम भी धीरे-धीरे बदलने लगे । उन्होंने एक-एक करके हम सभी से बात की। बाहर से सख्त दिखने वाली मैडम अंदर से भी नरम होंगी यह हमने कभी सोचा भी नहीं था ।परिवर्तन इस कदर हुआ कि इस इंतजार में रहते हैं कि कब क्लास शुरु हो ,ताकि हमारी प्यारी मैडम से हमारी मुलाकात हो सके। वे केवल पढ़ाती ही नहीं थी बल्कि हमारी मनोवृति को भी अच्छी तरह समझती थी। कक्षा 5 में जब हमारी पदोन्नति हुई और हम कक्षा 6 में आए तब जागृति मैम हमारी दो क्लास लेने लगी अंग्रेजी और भूगोल। अंग्रेजी में मैं तो इतनी अच्छी नहीं थी ,पर भूगोल में मैं सदा से अच्छी रही हूं । मैम क्लास के अलावा भी दूसरे समय में मुझे टीचर रूम में बुलाकर बातें किया करती थी या फिर स्टाफ रूम में कॉपियां रखने जाती तो मुझसे बातें करते रहती । उनका नहीं आना मुझे अच्छा नहीं लगता। अंग्रेजी में तो उन्होंने मेरा बहुत ही अच्छा मार्गदर्शन किया। कभी सहेली की तरह समझाया तो कभी मां की तरह ।मुझे अच्छी तरह याद है जब एक बार तो हम पाँच सहेलियां उनके घर पहुंच गई तो हमें देखकर उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा । देखते-देखते मैं उससे कब भावनात्मक तरीके से जुड़ गई पता ही नहीं चला । कक्षा आठ से हमें दूसरे स्कूल में दाखिला करवाना पड़ा । नए विद्यालय में तो मैम के बिना मैं पागलों की तरह आती रही । मेरा नए विद्यालय में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था सो मैंने पिता जी से कहकर जागृति मैम जी ट्यूशन क्लास ले ली । हालांकि इसकी आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं थी पर केवल मैम से पढ़ने के लिए मैंने ऐसा किया । उन्होंने कक्षा दसवीं तक मेरा भूगोल और अंग्रेजी में मार्गदर्शन किया । हमारा जैसे पारिवारिक संबंध बन गया था। वे मेंरी शिक्षिका कम सहेली अधिक बन गई थी। दसवीं के बाद मैंने दूसरे विद्यालय में दाखिला करवा लिया । यहां अंग्रेजी थी पर भूगोल ना था । मैंम भी अब अधिक बीमार रहने लगी थी । अब उनसे कम ही मिलना हो पाता था क्योंकि विद्यालय दूसरी जगह था ,पर वह मेरी स्मृतियों में सदैव बनी रही। मैं अब 18 साल के पड़ाव को पार कर चुकी थी। मैंम से अब केवल कभी कबार ही फोन पर बात हो पाती थी । समय बीतता गया 1 दिन बहुत ही दुखद संवाद आया । संवाद यह था कि मैम को ब्रेन कैंसर हो गया था और अब वह कैंसर के अंतिम पड़ाव पर थी यकीन ही नहीं हुआ । सुनकर पांव तले जैसे जमीन खिसक गई हो । पुरानी सहेलियों में से केवल दो के साथ ही संपर्क था । बाकी सहेलियां पढ़ने के लिए दूसरे शहरों में चली गई थी । हम तीन सहेलियां मैडम से मिलने के लिए उनके घर पर गई पर अफसोस मैम हमें पहचान तक नहीं पाई । कुछ दिन बाद पता चला कि मैंम ने दुनिया को अलविदा कह दिया । मैम का व्यक्तित्व काफी आकर्षक था । उन्होंने मेरा उचित मार्गदर्शन ही नहीं किया अपितु एक मां की तरह प्यार भी दिया । पाठ याद करने पर या शरारत करने पर उन्होंने हमें उचित दंड भी दिया जो उस समय तो मुझे बहुत बुरा लगा था पर बाद में महसूस हुआ कि शिक्षक या माता-पिता बच्चों को दंड भी देते हैं तो उनके भले के लिए ही । मैंम एक बार कश्मीर घूमने गई थी और वहां से मेरे लिए कश्मीरी शॉल लाई थी पर वह शॉल अभी मेरे पास है और हर जाड़े में मैं उसका इस्तेमाल भी करती हूं । मेरे जीवन में मां के बाद अगर किसी का स्थान है तो वह जागृति मैम का है । उनका दिया हुआ प्यार, उपहार समय सभी यादें अभी तरोताजा है । मेरी ईश्वर से यही विनती है कि हर जन्म में मुझे जागृति मैडम जैसी ही शिक्षिका मिले।

10 Lines on My Teacher in Hindi

  1. मेरी प्रिय शिक्षिका का नाम जागृति पटेल है।
  2. कक्षा में हर किसी की कोई ना कोई मनचाहा शिक्षक या शिक्षिका अवश्य ही होता है।
  3. वैसे में विद्यालय में बहुत शिक्षक होते हैं पर प्रिय शिक्षक व शिक्षिका कोई एक ही होता है ।
  4. माता पिता के बाद विद्यालय ही हमारा दूसरा आवास होता है ।
  5. माता पिता के बाद शिक्षक व अभिभावक होता है जो केवल हमारे बारे में अच्छा सोचता है ।
  6. हर विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
  7. शिक्षक व कलाकार होते हैं जो हर विद्यार्थी को रगड़ कर मांस कर चमकदार बनाते हैं ।
  8. जीवन में अक्सर ऐसे शिक्षक आते हैं जो अपने व्यक्तित्व और व्यवहार के प्रभाव के कारण अपनी अमित छवि छोड़ जाते हैं ।
  9. हमें सदैव शिक्षक की बातें माननी चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए ।
  10. मां हमारे जीवन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी और पहली शिक्षिका होती है।

5 Lines on My Teacher in Hindi

  1. शिक्षक माता पिता समान होते हैं ।
  2. हमारे शास्त्रों में गुरु गुरु को देव तुल्य बताया गया है ।
  3. हमें गुरु का कभी भी अनादर नहीं करना चाहिए ।
  4. गुरु वह व्यक्ति होता है जो कि छात्रों की डोर अपने हाथों में लिए हुए छात्रों को सही मान मार्गदर्शन देता है ।
  5. शिक्षक के अच्छे गुणों को अपने अंदर विकसित करने का प्रयास करना चाहिए ।

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FAQ on My Teacher in Hindi

Question : एक आदर्श छात्र की परिभाषा क्या है ?
Answer : एक आदर्श छात्र वह होता है जो गुरु का कहना मानता है। ऐसा छात्र माता पिता का भी आज्ञाकारी होता है। तथा बड़े होकर देश का आदर्श नागरिक बनता है।

Question : एक छात्र के जीवन में शिक्षक की क्या भूमिका होती है ?
Answer : शिक्षक वह व्यक्ति होता है, जो मिट्टी रूपी छात्र को एक सही आकृति प्रदान करता है ।छात्र तभी सही आकृति प्राप्त कर सकता है जब वह धैर्यवान और आदर्श हो ।बिना शिक्षक के छात्र सही ज्ञान तथा मार्गदर्शन से वंचित हो जाता है।

Question : हमारे देश में शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?
Answer : हमारे देश में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है ।इस दिन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वह एक आदर्श शिक्षक थे इसीलिए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है ।

Question : भारतीय समाज में शिक्षकों की परिस्थितियों की व्याख्या कीजिए।
Answer : शिक्षक ईश्वर के समान होता है। कबीर दास के अनुसार अगर गुरु और गोविंद साथ खड़े हैं तो हमें पहले गुरु के पैर छूने चाहिए क्योंकि गुरु ने ही हमें गोविंद के बारे में बताया है ।पर वर्तमान समाज में यह परिस्थिति बिल्कुल अलग है ।आज ना तो शिक्षक द्रोणाचार्य के समान है और ना ही छात्र एकलव्य के समान है। दंड जैसे नियमों के बंद हो जाने से छात्र और भी स्वेच्छाचारी हो गए हैं। गुरु को सम्मान देना तो दूर की बात रही ।गुरु के सामने ही ऐसी हरकतें करने लगे हैं कि देखने वालों को लज्जा आती
है ।वर्तमान समाज का कायापलट हो गया है। आजकल के बच्चे ना तो मां बाप से डरते हैं और ना शिक्षक से यही कारण है कि छात्र इतने उद्दंड होते जा रहे हैं ।

Question : भारत की पहली शिक्षित महिला का क्या नाम है ?
Answer : भारत की पहली शिक्षित महिला का नाम ज्योतिबा बाई फुले है।