नरक चतुर्दशी हिन्दुओ का पवित्र त्यौहार है। आज हम “10 Lines on Narak Chaturdashi in Hindi” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’नरक चतुर्दशी पर 10 लाइन’ में पढ़ेंगे।
Narak Chaturdashi in Hindi
जैसे जैसे दिवाली की तारीख नजदीक आती है देशभर में उतना ही उल्लास और उमंग छा जाती है। दिवाली का पर्व पांच दिवसीय पर्व होता है। दिवाली का पहला दिन धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दूसरे दिन को हम सभी रूप चौदस या फिर नरक चतुर्दशी के नाम से जानते हैं। नरक चतुर्दशी को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। काली चौदस पश्चिम बंगाल की नरक चतुर्दशी कहलायी जाती है। इस दिन सभी बंगाली रात को मां दुर्गा की अराधना करते हैं। इस पर्व को छोटी दिवाली भी कहते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन पर भी दिवाली की ही तरह दीपक प्रज्वलित करके आसपास के वातावरण को रोशन किया जाता है। यह त्यौहार नर्क में जाने से बचने और पापों से मुक्ति पाने के लिए मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण को पूजा जाता है। कहते हैं कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण या फिर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजन के पीछे एक बड़ा कारण भी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय पर दुष्ट राक्षस नरकासुर का आतंक हुआ करता था। उसने सोलह हजार एक सौ कन्याओं का अपहरण करके उनका चीरहरण किया था। उन सभी कन्याओं ने मिलकर भगवान श्रीकृष्ण से उनको नरकासुर के कैद से निकालने की प्रार्थना की। भगवान श्रीकृष्ण ने उन सभी की विनती सुनी और नरकासुर का वध करके उन सभी कन्याओं को कैद से छुड़ाकर उनसे विवाह कर लिया। इसी खुशी में उस दिन से लेकर आज तक भी छोटी दीपावली पर दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं।
अन्य कथा यह है कि रन्ति देव नामक एक पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा थे। उन्होंने भूल-चूक में भी कोई पाप नहीं किया था। आखिरकार जब मृत्यु का समय आया तो उनके सामने यमदूत प्रकट हुए। यमदूत को सामने देख राजा हैरानी में पड़ गए। वह यमराज से बोले, “मैंने तो कभी कोई पाप ही नहीं किया। जब पाप किया ही नहीं तो आप मुझे लेने क्यों आए हो? मैं नरक नहीं जाना चाहता हूं भगवान। मुझ पर कृपा करें और बताएं कि मेरे किस अपराध के कारण मुझे नरक जाना पड़ रहा है?”
यमदूत ने जवाब दिया, “हे राजन् एक बार एक भूखा ब्राह्मण आपके द्वार से भूखा ही लौट गया यह उसी पापकर्म का फल है।”
राजा ने यमदूतों से कहा कि मैं आपसे विनती करता हूं कि मुझे एक वर्ष का और समय दे दे। यमदूतों ने राजा को एक वर्ष की मोहलत दे दी। राजा अपनी परेशानी लेकर ऋषियों के पास पहुंचा और उन्हें सब अच्छे से बताकर उनसे कहा कि कृपया इस पाप से मुक्ति का उपाय बताए? ऋषि ने कहा राजन् आप कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का पवन और महान व्रत करें और ब्रह्मणों को भोज करवाए उनसे उनके प्रति हुए अपने अपराधों के लिए क्षमा याचना करें। ऋषि की बात पूर्ण अनुसरण राजा ने किया किया। इस प्रकार राजा को किये हुए पाप से मुक्ति मिली और उन्हें विष्णु लोक में स्थान प्राप्त हुआ।
उस दिन से लेकर आज तक यह महात्म्य है कि नरक चतुर्दशी को जल्दी उठकर पहले हल्दी की पीठी लगाई जाती है। हल्दी लगाने के बाद शरीर पर तेल की मालिश करके नहाया जाता है। इसके बाद विष्णु भगवान के मंदिर में जाकर भगवान से प्रार्थना की जाती है। ऐसा करने से हर तरह के पाप से मुक्ति मिलती है और नरक की जगह स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
10 Lines on Narak Chaturdashi in Hindi
- नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भारत का प्रमुख त्यौहार है।
- इस त्यौहार के पीछे मान्यता है कि ठीक इसी ही दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया था।
- नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
- यह माना जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीपक जलाने से जीवन की बाधाएं दूर होती है।
- इस दिन विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में दर्शन करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर तेल की मालिश करके नहाना चाहिए।
- इस दिन को मृत्यु देव यम के नाम से भी जाना जाता है।
- नरक चतुर्दशी के दिन को काली चौदस के रूप में भी जाना जाता है।
- काली चौदस को मां काली की पूजा अर्चना की जाती है।
- नरक चतुर्दशी की रात को यमराज भगवान को पूजा जाता है।
5 Lines on Narak Chaturdashi in Hindi
- भारत के कई राज्यों में नरक चतुर्दशी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
- इस दिन को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है।
- इस दिवस को लोग नरक निवारण चतुर्दशी के रूप में भी मनाते हैं।
- नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली को हम फसलों का त्यौहार भी कहते हैं।
- इस दिन को रुप चौदस भी कहते हैं इसलिए इस दिन चंदन के लेप की पीठी भी कई जाती है।
FAQ on Narak Chaturdashi in Hindi
Question : नर्क चतुर्दशी मनाने के पीछे क्या मान्यता है?
Answer : नरक चतुर्दशी के ही दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध किया था। उसने हजारों महिलाओं का अपहरण कर उनका चीरहरण किया था। उन सभी महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें आजादी दिलाने के लिए गुहार लगाई। जल्द ही उसे अपने पापों का फल मिला। नरकासुर के अंत की खुशी में दीपक प्रज्वलित करके खुशियाँ मनाई गई। उस दिन से हमेशा इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।
Question : नरक चतुर्दशी को किसकी पूजा की जाती है?
Answer : नरक चतुर्दशी को यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और वामन की पूजा का विधान है।
Question : नरक चौदस पर कितने दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं?
Answer : नरक चौदस को हम छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं। कहते हैं कि इस दिन घर में पांच दीपक प्रज्वलित करने चाहिए। कई लोग उस दिन चौदह दीपक भी प्रज्वलित करते हैं।
Question : इस साल नरक चौदस किस दिन मनाई जाएगी?
Answer : इस साल नरक चतुर्दशी सोमवार, 24 अक्तूबर 2022 को मनाई जाएगी।
Question : नरक चतुरदर्शी के दिन क्या करना चाहिए?
Answer : नरक चौदस, रूप चौदस या कहे तो काली चौदस के दिन हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए। सबसे अच्छा यह रहता है कि सूर्योदय होने से पहले ही उठना चाहिए। जल्दी उठकर शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए। तेल कोई भी हो सकता है। फिर तेल की मालिश हो जाने के बाद नहाकर भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से शरीर में स्फूर्ति आ जाती है और हमारे अंदर की नकारात्मक उर्जा खत्म होती है।