आज हम ’10 Lines on National Girl Child Day of India in Hindi’ लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप “राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 10 लाइन्स निबंध” पढ़ेंगे।
National Girl Child Day of India in Hindi
भारत एक पुरुष प्रधान देश है। यहां सदा से ही पुरुषों का वर्चस्व कायम रहा है। भारत कुछ ऐसी कुरूतियों का देश रहा है, जहां देवी मूर्ति की पूजा तो होती है पर वास्तव में लड़कियों को पूजनीय नहीं समझा जाता। वर्तमान में लड़कियों की आबादी 48% और लड़कों का लड़कों की जनसंख्या 52% है।कारण तो बहुत सारे हैं जिसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे। लड़कियों के अधिकारों के बारे में जानने तथा बालिका जन्म बालिका शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु हम राष्ट्रीय बालिका दिवस का पालन प्रतिवर्ष 24 जनवरी को करते हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस
भारत पुरुष प्रधान देश है,जहां स्त्रियों से ज्यादा पुरुषों को प्रधानता दी जाती है।यहां स्त्री भ्रूण हत्या बात है। पुराने समय से ही बहु विवाह, बाल विवाह, दहेज सती प्रथा,शिक्षा से वंचित होना लड़कियों के कड़े प्रावधान थे। जिसे कई सारे समाज सेवियों ने एक-एक करके तोड़ा तथा पुराने दकियानूसी नियमों पर पाबंदी लगाते हुए नए नियम बनाए गए, पर हमारी पुरानी सोच भी नहीं बदल पाई। समाज में हो रहे हर जुल्म के लिए हम लड़कियों को ही जिम्मेवार मानते हैं। बालिकाओं को बचपन से ही लड़ना नहीं बल्कि डरना और बर्दाश्त करना सिखाया जाता है।
21वीं सदी में भी पहुंचकर हमें वंश चलाने वाले लड़कों की जरूरत होती है। भले ही वह कितना नालायक हो।शहरों में अगर थोड़ी बहुत जागरूकता पढ़ने लिखने से आई है, तो गांव में अभी भी सभी बेटियां स्कूल नहीं जा पाती। बचपन से ही उसे घर के काम जैसे खाना बनाना, झाड़ू, पोछा, बर्तन, साफ सफाई इत्यादि कामों में लगा दिया जाता है। शादी के लिए लड़के से सहमति तो ली जाती है पर लड़कियों से सहमति लेना जरूरी नहीं समझा जाता। लड़कों के भविष्य निर्माण में लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, वही लड़कियों के भविष्य निर्माण को महत्वपूर्ण नहीं समझा जाता। हमारे देश में लड़कियों की शिक्षा का कुल जनसंख्या का दर 71.5 है वही लड़कों का शिक्षा दर 84.4 है। परिवर्तन एक दिन में होना कदापि संभव नहीं पर अगर परिवर्तन इतना धीरे-धीरे होगा तो भारत की प्रगति भी धीरे ही होगी। इसमें कोई शक नहीं कि लड़कियों ने अब हर क्षेत्र में अपनी बुद्धि और होशियारी का परचम लहराया है। चाहे बात स्पोर्ट्स की हो या नासा में जाने की चांद पर जाने की अंतरिक्ष पर चलने की। आज हर बाधा को पार करते हुए लड़कियां उस मुकाम तक पहुंच गई हैं, जिसके बारे में कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी।
बालिका दिवस की शुरुआत
बालिका दिवस मनाने की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के नेतृत्व में साल 2008 में की थी। इसीलिए भारत में हर वर्ष 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके देश भर में स्त्री शिक्षा अधिकारों के बारे में जागरूकता दिलाई जाती है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व
इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में बालिकाओं द्वारा सामना की जाने वाली सभी असमानता ओं के बारे में जागरूकता फैलाना, बालिका शिक्षा,बालिका स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरूक करना और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ाना इन खास बातों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता है।
निष्कर्षतः कहा जा सकता है, कि हमने प्रगति तो कर ली है पर यह प्रगति केवल शहरों तक ही सीमित है। जहां नारी शिक्षा बढ़ी है वहीं बलात्कार के मामले में भी बढ़ोतरी हुई है। लड़कियों के प्रति जब तक माता-पिता की सोच नहीं बदलती तब तक बदलाव संभव नहीं। बेटियों को अगर मौका मिले तो हर काम संभव करके दिखलाती है और इसका प्रमाण तो खुद हमारे सामने है। इसीलिए अगर राष्ट्र की प्रगति चाहिए तो बेटी बचाना और बेटी पढ़ाना बहुत आवश्यक है।
10 Lines on National Girl Child Day of India in Hindi
- राष्ट्रीय बालिका दिवस प्रतिवर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है।
- इस दिन का उद्देश्य बालिका शिशु को नए अवसर दिलाना तथा इस विषय में लोगों की सोच बदलना है।
- इस दिन समाज सुधारक नेता एन जी ओ तथा अन्य लोग लड़के और लड़कियों में व्याप्त भेद मिटाने की शपथ लेते हैं।
- इस दिन राज्यों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कार वितरण किया जाता है।
- इस दिन समाज में लोगों को बालिका शिशु के महत्व के बारे में जागरूक कराया जाता है।
- भारत सरकार राष्ट्रीय बालिका दिवस के माध्यम से ही लड़के तथा लड़कियों के लिंगानुपात को सुधारने की कोशिश कर रही है।
- इस दिन बालिका शिशु के स्वास्थ्य, शिक्षा, सम्मान, पोषण तथा अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
- देश का विकास तभी संभव है,जब कुल जनसंख्या का सभी वर्ग उन्नति करेगा।
- इस दिन महिलाएं आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं, ताकि लड़कियों को सशक्त, सुरक्षित तथा बेहतर माहौल प्रदान किया जा सके।
- इस दिन लोग समाज में व्याप्त दहेज प्रथा भ्रूण हत्या बाल विवाह जैसे अनेक मुद्दों से लड़ने का प्रण लेते हैं।
5 Lines on National Girl Child Day of India in Hindi
- 24 जनवरी को मनाया जाने वाला बालिका दिवस पूर्ण बालिका शिशु को समर्पित होता है ।
- इस दिन बालिकाओं की अच्छी शिक्षा, पोषण तथा उनके स्वास्थ्य के बारे में लोगों को अभियान चलाकर जागरूक किया जाता है।
- सरकार ने भी बालिका शिशु की सुरक्षा के लिए बाल विवाह रोकथाम एक्ट 2009 दहेज रोकथाम अधिनियम 2006 तथा घरेलू हिंसा अधिनियम 2009 से ठोस कदम उठाए हैं।
- इसका एक प्रमुख उद्देश्य महिला साक्षरता दर को बढ़ाना भी है क्योंकि महिला साक्षरता दर केवल 70.30% ही है।
- इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया गया था।
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FAQ on National Girl Child Day of India in Hindi
1) वर्ष 2022 का थीम क्या था?
उत्तर वर्ष 2022 का थीम था हमारा समय अभी है- हमारे अधिकार, हमारा भविष्य (Our time is now-our rights,our future)
2) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ क्यों मनाया जाता है?
उत्तर- हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 पानीपत हरियाणा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य लड़के और लड़कियों के लिंग अनुपात में आई गिरावट तथा लड़कियों के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों पर लोगों को जागरूक कराने के लिए इस योजना को लागू किया गया था।
3) राष्ट्रीय बालिका दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर- राष्ट्रीय बालिका दिवस जनवरी की 24 तारीख को मनाया जाता है।
4) इस दिन को मनाने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर- इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कराना है।
5) 24 जनवरी को ही राष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है ?
उत्तर -इस दिन की शुरुआत 2008 से की गई थी। 1966 में भारत के प्रथम भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी को शपथ ग्रहण की थी, इसीलिए इसे 24 तारीख को ही मनाया जाता है।