10 Lines on Qutub Minar in Hindi । क़ुतुब मीनार पर 10 लाइन वाक्य

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क़ुतुब मीनार भारत की एक मीनार है जो भारत के प्राचीन काल के ज्ञान और भारतीय कला का उदाहरण है । आज हम आपके लिए इस लेख में 10 Lines on Qutub Minar in Hindi लेकर आये है।

Qutub Minar in Hindi

भारत पुरानी इमारतों, महलों , मीनारों, मंदिरों , मकबरे तथा मस्जिदों का देश है । यहां की पुरानी इमारतें हमारे देश की धरोहर हैं इनमें से एक है कुतुब मीनार । कुतुब मीनार की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने रखी थी। कुतुबुद्दीन ऐबक गौरी साम्राज्य का सुल्तान मोहम्मद गौरी का एक गुलाम था । वह सुल्तान गौरी के सेना में बतौर सहायक के तौर पर काम करता था । वह उत्तर भारत में गौरी की सेना में था। मोहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद स्वाधीन साम्राज्य का शासक बना । दिल्ली सल्तनत के प्रथम शासक कुतुबुद्दीन थे । वह केवल 1206 से 1210 तक की गद्दी पर बने रहे । क़ुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनार है । यह लाल ईंटों तथा संगमरमर द्वारा बनाई गई मीनार है। इस मीनार की शुरुआत कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में की थी, पर वह केवल पहली मंजिल तक ही बनवा पाए थे। कुतुबुद्दीन मीनार का ढांचा ही तैयार करने में समर्थ रहे कुतुबुद्दीन की मृत्यु के पश्चात इनके पोते इल्तुतमिश ने इसे इसमें तीन और मंजिलों को सन 1211 से 1236 में फिर से निर्माण कराया । कुतुब मीनार के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। इसके अंदर घूमती हुई लगभग 379 सीढ़ियां है। दरअसल ये पुराने मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था इसीलिए मीनार की दीवारों पर सीढ़ियां सदियों पुराने मंदिरों के अवशेषों तथा देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मौजूद हैं। कुतुबमीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपने उस्ताद कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की याद में बनवाया था । बख्तियार काकी चिश्ती संप्रदाय के सूफी संत थे। कुतुबमीनार दुनिया की ईटो से बनी सबसे ऊंची मीनार है । कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है । दिल्ली के मुख्य पर्यटन स्थलों में कुतुब मीनार एक दर्शनीय पर्यटक स्थल है ।कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली में स्थित है। दिल्ली में तो वैसे अनेकों पर्यटक स्थल है पर कुतुबमीनार उनमें से एक है । सन 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा इसकी नींव रखी गई इसकी पहली मंजिल का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा ही किया गया पर अफसोस वे इसे पूरा करने में समर्थ ना हो सके इसके पहले ही उनकी मृत्यु हो गई थी । इसके बाद उनके पोते और उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने तीन और मंजिलों का निर्माण करवाया। यह विश्व की सबसे ऊंची मीनार है और यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हिस्टोरिकल हेरिटेज के खिताब से नवाजा है । चौथी और पांचवी मंजिल का निर्माण निर्माण फिरोजशाह तुगलक ने करवाया था । 1508 में आए भूकंप के दौरान कुतुबमीनार को काफी क्षति पहुंची इसके बाद सिकंदर लोदी ने इस मीनार की मरम्मत करवाई । ऐसा माना जाता है कि दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार का ढांचा जाम की कुतुब मीनार से प्रेरित होकर बनवाया गया था । कुतुब मीनार की ऊंचाई लगभग 73 मीटर है इसके अंदर 379 गोल घुमावदार सीढ़ियां भी है । वास्तुकला की बात करें तो इसे लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है । इसके ऊपर कुरान की आयतें लिखी हुई है । पत्थरों पर फूलों की महिन नक्काशी की गई है । इस मीनार का आधार 14.32 मीटर ऊंचा और ऊपर का हिस्सा 2.75 मीटर ऊंचा है। कुतुब मीनार के निकट ही एक दूसरे मीनार भी बनी है जिससे अलाई मीनार कहते हैं। कुतुब मीनार के नामकरण के बीच मतभेद है कुछ लोगों का मानना है कि कुतुबमीनार का नाम कुतुबुद्दीन के उस्ताद बख्तियार काकी के नाम पर पड़ा जबकि दूसरी तरफ कुछ लोग यह मानते हैं कि कुतुबमीनार का नाम दिल्ली के सबसे पहले मुस्लिम संस्थापक कुतुबुद्दीन के नाम पर पड़ा । कुतुब मीनार की नीचे वाली मंजिल में कुवत उल इस्लाम मस्जिद बनी है इसके दरवाजे में लिखा है कि इस मस्जिद को 27 हिंदू मंदिरों को तोड़कर पाई गई सामग्री से बनाई गई है । कुतुब मीनार के इतिहास को लेकर जो भी जानकारी हमारे पास मौजूद है वह फिरोजशाह तुगलक 1351 से 1389 और सिकंदर लोदी 1489 से 1517 तक से प्राप्त हुई है । कुतुब मीनार पर अरेबिक , नागरी और पारसी में इतिहास के कुछ अंश भी लिखें हैं । जब फिरोज शाह ने क़ुतुब मीनार का पुनर्निर्माण कराया तो सफेद मार्बल से दो और मंजिलों को जोड़ा। उसके बाद 1505 में आए भूकंप ने मीनार को फिर से बर्बाद कर दिया, जिसे सिकंदर लोदी ने फिर से मरम्मत करवाया इसके बाद भी मीनार को भूकंप ने फिर से 1903 में पीड़ित किया और इसे काफी नुकसान पहुंचाया जिसे ब्रिटिश इंडियन आर्मी के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने इसकी 1928 में फिर से मरम्मत कराई और ऊपर एक गुंबद भी जोड़ दिया बाद में से पाकिस्तान के गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग ने इस अतिरिक्त गुंबद को हटवा दिया और उसे पहले वाले रूप में स्थापित करवा दिया । कुतुबमीनार को 12 से 13 वी सदी के में पूरा किया गया । मुस्लिम वास्तुकला का यह सर्वश्रेष्ठ नमूना है इस परिसर में एक लोहे का स्तंभ भी है जो कि 2000 वर्ष पुराना है पर आश्चर्य की बात यह है कि इसमें अभी तक जंग नहीं लगा है और यह हुबहू पूर्व स्थिति में ही है । इसके अलावा भी इस परिसर में दूसरे अन्य ऐतिहासिक स्मारक भी मौजूद है । इस मीनार के निर्माण में मुगलकालीन वास्तु शैली का उपयोग किया गया है । शिल्पकार और वास्तुकारों की महीन नक्काशी इस मीनार में साफ झलकती है । कुतुबमीनार 5 मंजिलों वाला इमारत है हर मंजिल के सामने एक गोलाकार रूपी बालकनी भी बनी हुई है। इन पांचों मंजिलों का निर्माण भी अलग-अलग शासकों द्वारा हुआ इस मीनार की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में रखी पर इसके ऊपर के दो और मंजिलों का निर्माण इल्तुतमिश ने किया बाद में फिर फिरोजशाह तुगलक ने चौथी और पांचवी मंजिल का निर्माण कराया। इसके बाद सिकंदर लोदी ने इसकी मरम्मत करवाई मीनार की ऊंचाई लगभग 73 मीटर है। पांचवीं मंजिल से पूरा दिल्ली शहर दिखता है यह मीनार दिल्ली के महरौली में स्थित है । इसे देखने का समय सुबह 6:30 से शाम 6:30 है। हर मंजिल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है । इसे बलुआ पत्थर तथा संगमरमर से बनाया गया है। कुतुबमीनार को पहले बतौर मस्जिद के रूप में प्रयोग किया जाता था इस मीनार में कई लिपियों का इस्तेमाल शिलालेखों पर किया गया है इस अद्भुत मीनार का व्यास 14.3 मीटर और शेष मंजिल का व्यास 2.7 मीटर है। इतिहासकारों का मानना है कि इस मीनार की संरचना हिंदू टावरों से प्रेरित होकर बनाई गई है । कुतुब मीनार के परिसर में कुतुब उल इस्लाम अलाई दरवाजा इल्तुतमिश का मकबरा तथा एक लौह स्तंभ भी है । इस लोह स्तंभ का निर्माण चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा 2000 वर्ष पूर्व करवाया गया था जिसमें अभी भी कोई जंग नहीं लगी है ।

10 Lines on Qutub Minar in Hindi

  1. कुतुब मीनार के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक थे।
  2. कुतुबुद्दीन मोहम्मद सुल्तान गौरी के गुलाम थे।
  3. भारत के उत्तर में कब्जा करने के लिए मोहम्मद गौरी ने कुतुबुद्दीन को सेना प्रधान बनाया था।
  4. गौरी की मृत्यु के बाद कुतुबुद्दीन दिल्ली का प्रथम मुस्लिम सुल्तान बना।
  5. कुतुब मीनार की नींव 1193 में रखी गई थी।
  6. कुतुबुद्दीन ऐबक के एक मंजिला मीनार ही बना पाए।
  7. कुतुब कुतुब मीनार को बलुआ पत्थर और संगमरमर पत्थर से बनाया गया है।
  8. कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद निर्माण कार्य रुक गया और फिर कुतुबुद्दीन के पोते इल्तुतमिश ने दो और मंजिलों को जोड़ दिए।
  9. इल्तुतमिश के बाद फिरोजशाह तुगलक तुगलक ने चौथी और पांचवी मंजिल का निर्माण कराया।
  10. सिकंदर लोदी ने भूकंप में हुए छतिग्रस्त इस मीनार की मरम्मत करवाई ।

5 Lines on Qutub Minar in Hindi

  1. कुतुब मीनार का निर्माण बारहवीं तथा तेरहवीं सदी में हुआ।
  2. 1505 में आए भूकंप ने इसे काफी क्षति पहुंचाया।
  3. यह भारत की सबसे ऊंची मीनार है ।
  4. कुतुब मीनार को यूनेस्को ने हिस्टोरिकल वर्ल्ड हेरिटेज की उपाधि से सम्मानित किया है।
  5. मुस्लिम वास्तुकला कि यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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FAQ on Qutub Minar in Hindi

Question. कुतुब मीनार का निर्माण किसने कराया?
Answer. कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली के प्रथम मुस्लिम सम्राट कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया बाद में इल्तुतमिश, फिरोज शाह तुगलक तथा सिकंदर लोदी ने पूरा किया।

Question. कुतुब मीनार के अंदरूनी संरचना के बारे में बताएं।
Answer. कुतुब मीनार के अंदर वास्तु कलाओं की भव्य नक्काशी की गई है तथा कार्य देखने योग्य है ।यहां के शिलालेखों में पारसी, अरेबिक तथा नागरी लिपि का प्रयोग हुआ है।

Question. कुतुब मीनार में कुल कितने मंजिले हैं ?
Answer. कुतुबमीनार में कुल 5 मंजिले है ।हर मंजिल के सामने घुमावदार बालकनी है ।

Question. कुतुब मीनार में सीढीयों की संख्या कितनी है तथा यह कहां स्थित है?
Answer. कुतुबमीनार में सीढ़ियों की संख्या 379 है तथा यह दिल्ली के महरौली में स्थित है।

Question. कुतुब मीनार के परिसर में देखने योग्य और क्या क्या है ?
Answer. कुतुब मीनार के परिसर में कुवत उल इस्लाम अलाई दरवाजा चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा स्थापित लोह स्तंभ देखने योग्य है।