सरोजिनी नायडू भारत की महिला स्वतंत्रता सैनानी थी। वह महिला शक्ति का एक सफल उदहारण थी। आज हम इस लेख में आप सबके लिए ‘10 Lines on Sarojini Naidu in Hindi‘ लेकर आये है।
Sarojini Naidu in Hindi
महिलाओं को समाज का स्तंभ माना जाता है। उनके बिना हम समाज की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। महिलाएं ही समाज का स्तंभ मानी जाती है। वह ही समाज का उत्थान करती है। एक महिला घर, परिवार और अपने करियर में बहुत अच्छे से तालमेल बैठा लेती है। आज महिला हर एक क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हिस्सेदारी निभा रही है। पर एक जमाना था जब महिलाओं को बाहर की जिम्मेदारी निभाने से रोका जाता था। उनकी दुनिया सिर्फ उनके घर परिवार तक ही सिमटकर रह जाती थी। उनको शिक्षा से वंचित रखा जाता था। कुल मिलाकर नारी जाति की दशा बहुत खराब थी। पर उस जमाने में भी कुछ महिलाएं ऐसी भी थी जो पुराने जमाने की रूढ़िवादी सोच को तोड़कर सफलता की सीढ़ियों पर पहुंच गई। आज हम बात करेंगे भारत की जानी मानी महिला की जो अपने जमाने की एक कामयाब महिला थी। यहां पर बात हो रही है भारत की कोकिला सरोजिनी नायडू की। वह एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और प्रसिद्ध कवयित्री थी। सरोजिनी नायडू ने नागरिकों के अधिकारों से लेकर महिलाओं के उत्थान के लिए खूब काम किया। स्वतंत्रता संग्राम में भी उनकी हिस्सेदारी बहुत बड़ी थी। वह बहुत ही अच्छा भाषण दिया करती थी। लोग उनके भाषण के मुरीद थे। उनके भाषण से ही प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने उनको “भारत की कोकिला” की उपाधि दे दी थी। हम सभी उनको सरोजिनी नायडू के नाम से जानते हैं। पर क्या आपको पता है कि शादी से पहले उनका उपनाम नायडू नहीं बल्कि चट्टोपाध्याय था। जी हां, सरोजिनी नायडू (चट्टोपाध्याय) का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। उनका परिवार बंगाली था। उनके पिता का नाम अघोरेनाथ चट्टोपाध्याय था और उनकी माता का नाम वरदा सुंदरी देवी था। सरोजनी नायडू का पैतृक घर ब्राह्मणगांव बिक्रमपुर, ढाका में स्थित है। उनके पिता निजाम काॅलेज के प्रिंसिपल थे। उनकी मां बंगाली भाषा मेें शानदार कवयित्री थी। वह अपने सभी भाई-बहन में सबसे बड़ी थी। उनके आठ भाई-बहन थे। सरोजिनी नायडू पढ़ाई में भी बहुत होशियार थी। सन् 1891 में मात्र बारह वर्ष की उम्र में उन्होंने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। अपनी पूरी कक्षा में सरोजिनी नायडू ने सबसे उच्च रैंक हासिल की थी। उस जमाने में जब महिला सशक्तिकरण नाम की कोई चीज ही अस्तित्व में नहीं थी उसी समय उन्होंने मेरिट का खिताब अपने नाम कर लिया था। 13 साल की उम्र में उन्होंने लेडी ऑफ द लेक नाम की कविता लिखी थी। अपने काॅलेज की पढ़ाई भी उन्होंने इंग्लैंड से प्राप्त की। सरोजिनी नायडू की शादी साल 1898 में गोविंदराजू नायडू से हुई थी। गोविंदराजू नायडू एक फिजिशियन थे। गोविंदराजू की सरोजिनी नायडू से मुलाकात इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान हुई थी। मुलाकातों का यह दौर प्यार में बदल गया और इन दोनों की शादी हो गई। उस जमाने में लव मैरिज का दूर दूर तक कोई नाम नहीं था। ऐसे में लव मैरिज का यह कदम बड़ा ही बोल्ड था। लव मैरिज जैसे साहसिक कदम मेें सरोजिनी और गोविंदराजू के परिवार वाले उनके साथ खड़े रहे। उन दोनों के पांच बच्चे हुए। कविताएं लिखना उनका शौक था। वह लेखन के क्षेत्र में भी जाना पहचाना नाम बन गई। बर्ड ऑफ टाइम तथा ब्रोकन विंग उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से एक थी। सरोजिनी नायडू ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई काम किए। सरोजिनी ने महिलाओं की शिक्षा और अधिकारों के लिए खूब काम किए। सन् 1914 में वह पहली बार महात्मा गांधी से मिली थी। वह उनके काम से इतना प्रभावित हुई कि वह एक सच्चे देशभक्त की भाँति स्वतंत्रता संग्राम के मेले में कूद पड़ी। उनके भाषण लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना को जाग्रत कर देते थे। वह खूब सारे शहरों की गली-गली घूमकर लोगों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करती थी। अपने जीवनकाल में उन्होंने कई काम किए। वह देश की पहली महिला राज्यपाल भी बनी। 2 मार्च 1949 को उतर प्रदेश में उनका देहांत हो गया।
10 Lines on Sarojini Naidu in Hindi
- सरोजिनी नायड स्वतंतत्रा संग्राम में भाग लेने वाली एक बहादुर नारी थी।
- वह अपनी शानदार कविताओं के लिए जानी जाती है।
- गांधीजी ने सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला की उपाधि दी थी।
- इनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था।
- असहयोग आंदोलन में सरोजिनी ने गांधीजी का खूब बढ़िया तरह से साथ निभाया था।
- सरोजिनी नायडू ने गोविंदराजू के साथ लव मैरिज की थी।
- उनको कई बार जेल भी जाना पड़ा था परंतु वह कभी भी नहीं हारी।
- उन्होंने नारी के हक के लिए कई बड़े कदम उठाए।
- गांधीजी ने सरोजिनी के काम से प्रभावित होकर उन्हें कोकिला की उपाधि दी थी।
- गांधीजी, गोपालकृष्ण गोखले और रविंद्रनाथ ठाकुर उनके आदर्श थे।
5 Lines on Sarojini Naidu in Hindi
- सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था।
- भारतीय कांग्रेस में सरोजिनी नायडू पहली महिला अध्यक्ष थीं।
- उनकी पांच भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी।
- उन्होंने 13 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी।
- उनकी मां भी एक अच्छी कवियत्री थी।
FAQ on Sarojini Naidu in Hindi
Question : सरोजनी नायडू किस चीज के लिए प्रख्यात है?
Answer : सरोजिनी नायडू एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और कवियत्री थीं। परंतु वह अपनी शानदार कविताओं के लिए जानी जाती थी। वह अपनी कविताओं में जान ड़ाल देती थी। जो कोई भी उनकी कविताएं पढ़ता वह उन कविताओं से बहुत प्रभावित होता।
Question : सरोजिनी नायडू को भारत रत्न से कब नवाजा गया था?
Answer : सरोजिनी नायडू को 1971 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। यह खिताब उन्हें मरणोपरांत मिला था।
Question : सरोजिनी नायडू किस राज्य की राज्यपाल बनी थी?
Answer : नायडू ने 15 अगस्त 1947 में पहली बार उतर प्रदेश राज्य की राज्यपाल बनी। वह भारत की ऐसी पहली महिला थी जिसने इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाली।
Question : सरोजिनी नायडू के जीवन से हमे क्या सीख मिलती है?
Answer : उनके जीवन हमें यह सीख मिलती है कि हमें जीवन मेें लगातार चलते रहना चाहिए। हम सभी को अपने अधिकारों के लिए बिना झुककर लडते रहना चाहिए। सरोजिनी नायडू ने भी अपने जीवनकाल में महिलाओं और आम नागरिकों के हक के लिए खूब लड़ी थी।
Question : सरोजिनी नायडू को कोकिला की उपाधि किसने दी थी?
Answer : सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला की उपाधि महात्मा गांधी ने दी थी। महात्मा गांधी उनके काम से बहुत प्रभावित हो गए थे।