10 Lines on Save Environment in Hindi । पर्यावरण संरक्षण पर 10 लाइन निबंध

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जीवन के लिए पर्यावरण का अनुकूल रहना बहुत आवश्यक है। पर्यावरण बचेगा तभी जीवन भी बचेगा। आज हम इस लेख में आपके लिए ‘10 Lines on Save Environment in Hindi‘ लेकर आये है।

Save Environment in Hindi

पर्यावरण का अर्थ -पर्यावरण पर+ आवरण से बना है, जिसका अर्थ है ढका हुआ। हमारा पर्यावरण हमारी प्रकृति है। प्राकृतिक संसाधन हमें मुफ्त में ही मिले हैं। प्रकृति सबसे सुंदरतम संपदाओं में से एक है। प्राकृतिक सौंदर्य देखना किसे नहीं पसंद पर्वत पेड़ों से ढके वन, झरने पर्वतों पर जमे बर्फ, चिड़ियों का कलरव, कल-कल करती नदियों की आवाज, क्षितिज तक फैले हुए समुद्र मानव पैसे खर्च कर प्राकृतिक सौंदर्य को देखने जाते हैं। हमारी प्रकृति है ही इतनी सुंदर कि हम बार-बार प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठाने के लिए चले जाते हैं।

 पर्यावरण संरक्षण का महत्व 

भारत में प्रकृति की पूजा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। हम पेड़, नदियों की पूजा करते आए हैं। हमारे वेदों में भी पर्यावरण संरक्षण का उल्लेख मिलता है। पर्यावरण संरक्षण का अर्थ पर्यावरण के संरक्षण अर्थात पर्यावरण की सुरक्षा और बचाव से है। मानव जीवन तभी संभव और सुरक्षित होगी जब प्रकृति सुरक्षित रहेगी। हमारा अस्तित्व ही प्रकृति से है। हम प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रकृति पर ही निर्भर है। हम जो सांस लेते हैं वो हमें प्रकृति से मिलता है हम जो भोजन खाते हैं वह भी हमें प्रकृति से ही मिलता है कागज, लकड़ी, कोयला, तेल, सोना चांदी, हीरा, चुना, खनिज पदार्थ, लोहा इस्पात, अयस्क इतने सारे अनगिनत पदार्थ सभी प्रकृति की ही देन है। हमें एक बात गांठ बांध लेनी होगी कि हम प्रकृति से हैं प्रकृति हम से नहीं क्योंकि जब हमारे पृथ्वी नहीं थी तब केवल पेड़-पौधे ही अस्तित्व में थे। कोई भी प्राणी का अस्तित्व नहीं था। धीरे धीरे वायुमंडल का निर्माण हुआ और एक-एक करके सभी प्राणी धरती पर विराजे। पर्यावरण एक इकोलॉजिकल बैलेंस में बना है ।किसी भी एक तत्व में कम या ज्यादा होने से संतुलन बिगड़ जाता है। पर्यावरण संरक्षण का अर्थ केवल पेड़ पौधों की सुरक्षा से ही नहीं है बल्कि प्रकृति पर निवास कर रहे सभी प्राणियों से है। प्रकृति की सुरक्षा हमारा पहला दायित्व है।

वर्तमान की पर्यावरण समस्या

वर्तमान में समस्याओं का अंत नहीं है। मनुष्य अपने सुख सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विज्ञान में तो काफी तरक्की कर रहा है वही प्रकृति को भारी नुकसान भी पहुंचा रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, लुप्त होते जीव, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्रुवों पर पिघलते ग्लेशियर, पराबैगनी किरणों से रक्षा करने वाले ओजोन लेयर में छेद भारी विनाश का संकेत दे रहे हैं। अगर हम अब भी सतर्क ना हुए तो वह दिन भी दूर नहीं जब मानव जैसे प्रजातियों की गिनती भी लुप्त होते जीवो में होने लगे। हमारी जनसंख्या इतनी वृद्धि कर चुकी है कि संसाधन कम पड़ते जा रहे हैं। भूमि पर जनसंख्या का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। जंगल के जंगल साफ होते जा रहे हैं उनके स्थान पर नए मकान बनते जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी में तरक्की के नाम पर केवल प्रदूषण ही हो रहा है। जिन नदियों की आरती की जाती है उन्हीं नदियों में कूड़ा करकट फेंका जाता है। प्रदूषण युक्त जहरीली हवा हम लेने को बाध्य हैं, जिसके कारण हम और भी बीमार पड़ते जा रहे हैं ना खाने को शुद्ध खाना मिल पाता है और ना ही सांस लेने के लिए स्वच्छ वायु विकल्प के तौर पर उपाय तो मौजूद है पर उसे अमल में लाने वाला कोई नहीं। 

निवारण

वर्तमान परिस्थिति इतनी भयंकर हो गई है कि हमने अगर तत्काल ही कोई कदम ना उठाए तो हर्जाना भी हमें ही चुकाना पड़ेगा वह भी बड़े भयंकर रूप में। वृक्षारोपण को केवल सरकार तक ही सीमित ना रखें क्योंकि प्रकृति केवल सरकार की नहीं बल्कि हम सब की है। प्लास्टिक का प्रयोग बंद करें। बाजार जाते वक्त घर से ही थैला लेकर निकले। सफर के दौरान या ऑफिस में भी ऑफिस बैग में भी थैला रखें क्योंकि यदि कोई सामान खरीदना हो तो प्लास्टिक का प्रयोग ना करें। भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान प्लास्टिक का ही है। रास्तों के किनारे गंदे हो जाना नालियों का जाम हो जाना सब प्लास्टिक की ही देन है। खुद स्वच्छता के नियमों का पालन करें तथा बच्चों को भी सिखाए। यह कदापि ना सोचे कि कोई तो नहीं करता तो फिर मैं क्यों करू?  हमें बढ़ती जनसंख्या पर भी काबू करना होगा। हमारा देश शायद अभी मानसिक तौर पर शिक्षित ना हो पाया है, इसीलिए बेटे की चाहत खानदान का चिराग में कई लड़कियों की फौज खड़ी कर देते हैं। पर इसका सीधा असर भी पर्यावरण पर ही पड़ता है। हमें ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करके करने की आवश्यकता है। सड़कों के किनारे हमें पेड़ लगाने चाहिए। जिससे जहरीले कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर सके और बदले में ऑक्सीजन दे सके। प्राकृतिक संसाधन अब सब जब खत्म होने के कगार पर हैं तो हमें सोच समझकर इनका उपयोग करना चाहिए।इको फ्रेंडली वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। जहां तहां कूड़ा कचरा ना फैलाएं क्योंकि जहां गंदगी है, वही बीमारियां पनपती है। उपरोक्त नियमों के पालन से रातों-रात तो परिवर्तन नहीं होगा पर देर से ही सही परिवर्तन होगा। पेट्रोल गाड़ियों के प्रयोग के स्थान पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का उपयोग करें। थोड़ा ही सही पर परिवर्तन तो अवश्य ही होगा।

10 Lines on Save Environment in Hindi

  1. पर्यावरण पर + आवरण के मेल से बना है।
  2. पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है आवरण यानी ढका हुआ।
  3. मानव अस्तित्व के लिए पर्यावरण अनिवार्य है।
  4. पर्यावरण का अर्थ हर प्राकृतिक संपदा से है।
  5. प्राकृतिक संपदा हमें विरासत में मिली हुई धरोहर है।
  6. पर्यावरण का दिनोंदिन क्षति पर क्षति हो रहा है।
  7. पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना अति आवश्यक है।
  8. मनुष्य द्वारा हो रहे प्रदूषण के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
  9. प्रदूषण के कारण वायु,मिट्टी, जल सभी प्रदूषित हो गए हैं।
  10. हमें प्रदूषण कम करने के उपाय सोचने चाहिए ।

5 Lines on Save Environment in Hindi

  1. हमारे देश में प्रकृति की पूजा आदिम काल से ही चली आ रही है।
  2. वेदो में भी प्रकृति संरक्षण के उपाय बताए गए हैं।
  3. हमें लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है ।
  4. हम हर साल 22 अप्रैल को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं।
  5. पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए।   

FAQ on Save Environment in Hindi

Question : पर्यावरण संरक्षण से क्या तात्पर्य है ?
Answer : पर्यावरण संरक्षण से तात्पर्य हमारी धरती की सुरक्षा से है।

Question : पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?
Answer : पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता उस प्रकार है जैसे हमारे लिए घर का होना जरूरी है। क्योंकि घर हमें विपत्ति से बचाता है उसी प्रकार पर्यावरण हमारे लिए जरूरी है।

Question : विलुप्त होते वन्य जीवों का संरक्षण कैसे किया जा सकता है?
Answer : सरकार ने जीवो की हत्या पर प्रतिबंध लगा दिए हैं फिर भी कुछ लोग चोरी छिपे इन जीवो की हत्या करते हैं, इसीलिए ऐसे लोगों के लिए कड़े नियमों को लागू करने की आवश्यकता है।

Question : क्या मानव का अस्तित्व पर्यावरण से है? कैसे ?
Answer : हां, बिल्कुल मानव का अस्तित्व पर्यावरण से है। हम जीने के लिए पूरी तरह पर्यावरण पर ही निर्भर हैं,जो हमें जीवन के साथ-साथ सुरक्षा भी प्रदान करता है। पर्यावरण संरक्षण का दायित्व हर मनुष्य का है।

Question : वृक्षारोपण करने के लिए क्या करना चाहिए?
Answer : रोपण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए हर घर में कम से कम 2 से 4 पेड़ लगाने चाहिए।