आज हम “10 Lines on World Aids Day in Hindi” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’विश्व एड्स दिवस पर 10 लाइन’ पढ़ेंगे।
World Aids Day in Hindi
एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा संक्रमण है जो शरीर में कोशिकाओं का कारण बनता है, जिससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह वायरस एक संक्रमित पार्टनर से स्वस्थ पार्टनर में या इंजेक्शन दवा उपकरण साझा करने से यह वायरस फैलता है। यह रोग एक प्रकार का सिंड्रोम है जिसमें हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर होती जाती है। यह बीमारी व्हाइट बल्ड सेल्स को बहुत कमजोर कर देते हैं जिस कारण से एक इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता एकदम से कमजोर हो जाती है। धीरे धीरे वह व्यक्ति कमजोर होता जाता है और अंत में उस व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह रोग गर्भ में पल रहे एक बच्चे को भी अपनी मां से फैल सकता है। इस रोग में मुंह पर सफेद चकतेदार धब्बे होने लगते हैं। शरीर से अधिक पसीना निकलने लगता है, बार-बार थकान की शिकायत रहने लगती है, अचानक वजन कम हो जाता है, तेज बुखार हो जाता है। बाकि के लक्षणों में बार-बार दस्त लगना, लगातार खांसी आना, गले, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें पड़ना, सारे शरीर में खुजली और जलन होना, निमोनिया, टीबी, स्किन कैंसर होना एड्स बीमारी की निशानी है। एड्स का कोई इलाज नहीं है। मानव और विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है परंतु फिर भी इस बीमारी का कोई इलाज संभव नहीं है। इस रोग को खत्म नहीं किया जा सकता है। हालांकि उचित समय पर दवाई और उपचार से इसकी गति को थोड़ा सा कम जरूर किया जा सकता है। सबको यह पता है कि एड्स किस प्रकार का रोग है पर क्या सभी को यह पता है कि यह रोग कहां से आया? बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि एड्स का पहला केस कहां से आया था। दरअसल एक बार एक आदमी कैमरून के जंगलों में शिकार करने गया था। वह आदमी शिकार के सोच के साथ जंगल आया था पर उसको क्या पता था कि वहां पर मौत उसका पहले से ही इंतजार कर रही है। वह जैसे ही जंगल में पहुंचा तब एक चिंपैंजी ने उसपर हमला कर दिया। वह चिंपैंजी पहले से ही बुरी तरह से घायल था। उस समय पर वह चिंपैंजी एड्स के रोग से ग्रसित था। उसने उस आदमी को इतना तेज काटा कि उस आदमी के हाथ पर गहरा घाव हो गया था। उस चिंपैंजी का खून उस आदमी के शरीर में प्रवेश कर गया और फिर एड्स जैसे भंयकर बीमारी ने उस आदमी को भी जकड़ लिया। फिर कुछ समय बाद में उस इंसान की भी मौत हो गई थी। पूरे विश्व में इस बीमारी का तब पता चला जब न्यूयार्क में एक 49 वर्षीय हाईटियन शिपिंग क्लर्क, अर्दोइन एंटोनियो, न्यूमोसिस्टिस कैरिनी निमोनिया से मर गया था। उसकी बीमारी एड्स से ही मिलती थी। भारत में इस बीमारी का तब पता चला जब 1986 में चैन्नई की सेक्स वर्कर्स का खून का सैंपल लिया गया। 1986 के बाद भारत में लगातार एड्स फैलता गया।
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एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक प्रकार का वायरस है जो एक इंसान के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर सीधा हमला करता है। एचआईवी का इलाज होना बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं होने यह एड्स (एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) को निमंत्रण दे सकता है। वर्तमान में कोई प्रभावी इलाज नहीं है। एक बार जब लोगों को एचआईवी हो जाता है, तो यह ताउम्र रहता है। लेकिन उचित चिकित्सा देखभाल से एचआईवी को नियंत्रित किया जा सकता है। एचआईवी संक्रमित रोगी पांच चरण से गुजरता है – सेरोकोनवर्जन बीमारी, एचआईवी का स्पर्शोन्मुख चरण, रोगसूचक एचआईवी और एचआईवी का अंतिम चरण। भारत में एड्स के रोगियों की संख्या लाखों में है। हालांकि भारत सरकार का लक्ष्य है कि वह जल्द से जल्द 2030 तक भारत से एचआईवी एड्स को खत्म कर दे।
10 Lines on World Aids Day in Hindi
- विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है।
- एड्स बहुत ही खतरनाक बीमारी है।
- एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक प्रकार का वायरस है जो एक इंसान के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर सीधा हमला करता है।
- एचआईवी एड्स में उपचार ही मरीज की मदद कर सकता है। इस रोग को पूर्ण रूप से खत्म नहीं किया जा सकता है।
- इस बीमारी की कोई भी दवा आज तक इजाद नहीं हुई है।
- एड्स के मरीजों को समाज में कभी भी इज्जत की नजरों से नहीं देखा जाता है।
- एड्स की इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलानी बहुत ही जरूरी है।
- दुनिया में 37 मिलियन ऐसे लोग है जो एचआईवी एड्स से पीड़ित हैं।
- भारत में एड्स का पहला केस साल 1986 में आया था।
- यह रोग सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में होता है।
5 Lines on World Aids Day in Hindi
- यह बीमारी बहुत खतरनाक इसलिए है क्योंकि इसमें एक इंसान की मौत भी हो जाती है।
- एड्स का यह खतरनाक रोग चिंपैंजी से इंसानों में आया था।
- इस बीमारी हो सारी दुनिया जागरूकता से ही मिटा सकती है।
- यह बीमारी संक्रमित इंजेक्शन से भी फैल सकती है।
- एक समय ऐसा था कि भारत में एड्स का नाम लेना भी पाप माना जाता था।
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FAQ on World Aids Day in Hindi
Question: भारत में एचआईवी एड्स के कुल कितने मरीज है?
Answer : भारत में एड्स के कुल 2.5 मिलियन मरीज है। 1986 से लेकर अब तक इसके मरीज घटने की जगह बढ़े ही है।
Question: इस बीमारी को कैसे रोका जा सकता है?
Answer : एचआईवी एड्स एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका कोई भी इलाज संभव नहीं है। लोगों के बीच जागरूकता फैलाना ही इसकी एकमात्र दवा है। हालांकि दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस बीमारी को खत्म करने के लिए दवाई और इंजेक्शन इजाद करने में लगे हैं।
Question: एड्स में शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?
Answer : एचआईवी एड्स में शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र सबसे अधिक प्रभावित होता है।
Question: भारत सरकार ने देश को कब तक एड्स से मुक्त करवाने का लक्ष्य रखा है?
Answer : भारत सरकार ने देश को 2030 तक एचआईवी एड्स से मुक्त करवाने का लक्ष्य रखा हुआ है।
Question: एचआईवी एड्स का अंतराष्ट्रीय चिन्ह क्या है?
Answer : एड्स का अंतराष्ट्रीय चिन्ह रेड़ रिबन है।
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