Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi । बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर हिंदी निबंध

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक मुहीम है जिसका सपना है बेटियों का समाज में सही स्थान दिलाना उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचना इसके लिए समाज और सरकार को साथ मिलकर काम करना होगा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना केंद्रीय सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए चलायी गयी योजनाओ का संग्रह है। इस योजना को स्वास्थ्य मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसके विवाह तक सरकारी लाभ देने की कई योजनाए उपलब्ध है। बेटी की गर्भ में हत्या करना हो, लड़कियों को आर्थिक शोषण, मानसिक शोषण जैसे अनेको बुराइयों को दूर करके समाज में बेटियों को आगे बढ़ाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।

Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi

आज आप इस पोस्ट में Beti Bachao Beti Padhao essay in hindi पढ़ेंगे। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on Beti Bachao Beti Padhao in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

Beti Bachao Beti Padhao 100 Words Essay in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 100 शब्दों का निबंध- 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना जैसे के नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि इस योजना को करने के पीछे क्या मंशा रही होगी। मतलब सीधा-सा है कि बेटियों की भूर्ण हत्या को रोकना, उन्हें भी जीवन जीने का मौका देना। उनका जीवन भी सार्थक हो सके इसलिए उनके लिए भी शिक्षा का प्रबंध करना। इस योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 की गई थी और इस योजना को लाने का कारण सीधा-सा था कि भारतीय जनसख्यां का आंकडा बढ़ रहा था और वहीं भारत में महिलाओं का अनुपात कम हो रहा था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य केवल यही है कि कैसे भारतीय सामाज की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जाए।

Beti Bachao Beti Padhao 200 Words Essay in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 200 शब्दों का निबंध-

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ये योजना देश की सभी बेटियों की रक्षा लिए बनाई गई थी। 2014 से पहले के आंकडे के अनुसार लड़कियों का अनुपात लड़को के अनुपात से बहुत कम था। इसलिए इस योजना का निर्माण किया गया। कहीं लोग बोलते है कि लड़के और लड़कियां एक समान है फिर बेटी बचाओ पढ़ाओ जैसे योजना क्यों बनायी जा रही है आशा करते हैं आपको भी याद होगा की बीच में सभी समाचार चैनलों में ये कवरेज अकसर दिखने को मिलती थी कि अस्पतालों के बाहर कूड़ेदानों में नवजात शिशु मिला करते थे और उनमें भी ज्यादातर लड़कियों का मिलना। यानि उनकों पैदा ही नहीं होने दिया जा रहा था। हम आयें दिन महिलाओं के साथ हो रहे गलत बर्ताव के बारे में देख सुन रहे हैं। या आपने घर में या बाहार महिलाओं का यौन शोषण होते हुए देख रहे है। जिस बेटी को कंचक में बैठते है देवी मान कर, उसी बेटी के बड़े हो जाने पर उससे दहेज लिया जाता है और शादी के बाद उससे बेटे की माँग की जाती है। फिर घर में आई लक्ष्मी की भ्रूण हत्या कर दी जाती है, उसे पेट में ही मार दिया जाता है। सामाज में ना जानें महिलाओं पर हो रहे शोषण के, ना जानें कितने किस्से हैं जिन्हें हम लिखते-लिखते थक जाएगें पर वो खत्म नहीं होंगे। ये योजना उन्हीं किस्सों को कम करने के मंशा से बनाई गई है।

Beti Bachao Beti Padhao 300 Words Essay in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 300 शब्दों का निबंध-

भूमिका- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के शुरू होने का कारण भारत में कन्या शिशु दर का  कम होना है। हरियाणा में बेटियों का नाम मात्र होना इसकी मुख्य वजह है। इसलिए अब सरकार ने भ्रूण हत्या को गैर कानूनी बताते हुए इस पर रोक लगा दी है। यदि कोई डॉक्टर अल्ट्रासंउड के ज़रिये शिशु का लिंग बताता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ- ये योजना बेटियों के सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है, जिससे वो भी आगे बढ़े। खूब सपने देखें और उन सपनों को पूरा करें। ये तो हम सभी जानते हैं कि हमारा सामाज पितृसतात्मक रहा है ऐसा केवल भारत में नहीं है, ये विश्व के हर कोनों में व्याप्त है। और महिलाओं का शोषण भी हर जगह होता आया है, अंतर बस इतना है कि बाकी देशों में बदलाव आ रहा है और हमारा देश है कि बदलने की ही नहीं सोच पा रहा है। इसका कारण ये है कि यदि महिलाओं को उनका अधिकार मिल गया तो वो अपना अधिकार किस पर दिखाएगें। हमेशा से देश की सोच यही रही है कि स्त्री एक माँ या देवी है और देवी का कोई अधिकार नहीं होता है, वो केवल देना ही जानती है। यदि स्त्री को इंसान बना दिया गया तो उसे अधिकार देना पड़ेगा। फिर इससे पुरूषों के अधिकार में परेशानी आ जाएगी। ऐसा नहीं है कि प्राचीनकाल में महिलायें शिक्षित नहीं हुआ करती थी, ये एक मिथ्या है- यदि स्त्री शिक्षित नहीं होती तो शंकुलता कैसे अपने प्रेम पत्र पढ़ती थी? या उस समय अनपढ़ो के लिए एक अलग भाषा का प्रचलन था? इन सभी के अलावा गार्गी, मैत्री और सीता ये सभी पढ़ी लिखी महिलायें थी और उस समय भी महिलाओं को पढ़ाया जाता था। और सीधी-सी बात है यदि एक महिला शिक्षित होती है तो वो पूरे घर को शिक्षित करती है।

उपसंहार- कुल मिलकर बात ये है कि “लड़की है तो लड़का है” बिना स्त्री के इस दुनियां का संतुलन ठीक से बैठ भी नहीं सकता है क्योंकि संतुलन बनाये रखने के लिए दोनों का होना आवश्यक है।

Beti Bachao Beti Padhao 400 Words Essay in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 400 शब्दों का निबंध-

भूमिका- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ये योजना नहीं, एक सोच है कि कैसे आप सामाज में महिलाओं के साथ हो रहे गलत व्यवहार रोक सकते है। अपने घरों में बेटियों के पढ़ने का मौका दे और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दे, क्योंकि वो एक बार पढ़-लिख गई तो उनकों सही गलत का पता होगा और एक पढ़ी लिखी माँ, बहन, पत्नी, बुआ, चाची अपने घर को भी शिक्षित बनाने की क्षमता रखती है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक सोच- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 की गई थी और इस योजना को लाने का कारण ये था कि भारतीय जनसख्यां का आंकडा बढ़ रहा था और वहीं भारत में महिलाओं का अनुपात कम हो रहा था। ख़ासकर हरियाणा में, हरियाणा में बेटी को पैदा होते ही मार दिया जाता था इस घटना से संबधित कलर्स चैनल पर कार्यक्रम भी आया करता था “ना आना इस देश मेरी लाडो” इसी के जैसे बहुत से कार्यक्रम टीवी पर थे और इन सभी कार्यक्रमों की बस एक ही सोच थी-“बेटी बचाओं“

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा समाज पहले से ही पितृसतात्मक रहा है, आप इस बात को हर क्षेत्र में देख सकते हैं कि पहले या अब किसी भी क्षेत्र में महिलायें ना के बराबर हैं, हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी है ये बात तो सभी जानते है पर क्या कभी आपने ये महसूस किया है कि इंदिरा गांधी के बाद दूसरी महिला प्रधानमंत्री क्यों नहीं बन पाई या पहली महिला राष्ट्रपति के बाद दूसरी महिला राष्ट्रपति क्यों नहीं बन पाई। आप फिल्मों में भी देख सकते हैं कि आज के इस मॉर्डन समय में यदि कोई हमसे महिला डायरेक्टर का नाम पूछता है तो हमारे दिमाग में गिनती से एक दो नाम ही आते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे सामाज कि ये ही सच्चाई है, हमारा समाज ये ही चाहता है कि पुरूष ही केवल आगे बढ़े। उसे स्त्री में क्षमताएं नहीं दिखती है।

उपसंहार- हम सभी जानते है कि हमारा समाज महिलाओं के साथ ठीक व्यवहार नहीं करता हैं उसे पैदा होने के साथ ही मार दिया जाता है, उनकों कम समझा जाता है। बेटियों को बोझ समझा जाता है और बेटों को घर में पैसे लाने वाला साधन समझा जाता है। इसी कारण बेटियों के बोझ समझने वाले लोग बेटियों को पढ़ाते-लिखाते नहीं है और ना ही उनकी क्षमता पर काम करते है। बेटियों की भ्रूण हत्या ना हो और वो भी एक इंसान की तरह इस दुनियां में अपना जीवन व्यतीत कर सके। इसलिए बेटी पढ़ाओं बेटी बढ़ाओँ योजना की शुरूआत की गई है।

Beti Bachao Beti Padhao 500 Words Essay in Hindi

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 500 शब्दों का निबंध-

भूमिका- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को करने का कारण देश में लगातार घट रहे लिंगानुपात को कम करना है। जिस राज्य में देश की बेटियों की संख्या कम थी, ये योजना उन्हीं राज्यों से शुरू करवाई गई थी। जिससे बेटियों की संख्या में वृद्धि हो। ये योजना बेटियों की स्थिति में सुधार लाने के इरादे से शुरू की गई थी। 

बेटियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार ने बेटियों की शिक्षा पर ज़ोर दिया, लोग बेटियों को शिक्षित करें, उन्हें बोझ न समझे इस बात का प्रचलन लाने के लिए सरकार ने बेटी पढ़ाओं का प्रचार प्रसार किया। जिससे लोगों की मानसिकता में बदलाव आए।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ- जहाँ भारत जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ने की कोशिश में लगा है वहीं बड़े शर्म की बात है कि हमारा देश घर में आने वाली लक्ष्मी की भ्रूण हत्या कर देता है। इस पाप को रोकने के लिए सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरू थी। इस योजना की शुरूआत 22 जनवरी 2015 की गई थी। इस योजना में सरकार ने भ्रूण हत्या को गैर कानूनी बताते हुए इस पर रोक लगा दी है। यदि कोई डॉक्टर अल्ट्रासंउड के ज़रिये शिशु का लिंग बताता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएंगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ये एक मुहीम है और ये प्रचार प्रसार के जरियें लोगों की मानसिकता को बदल रही है। जैसे पहले लोग हर चीज़ के लिए केवल लड़की को ही दोष देते थे जैसे किसी लड़की को किसी लड़के ने छेड़ दिया तो सब लड़की पर ही उंगूलियां उठाते थे कि जरूर उसके सामने दांत फाडकर ही हंस रही होगी या किसी लड़की का रेप हो गया, तब भी उंगूलियां उसी पर उठायी जाती थी कहा जाता था- इतनी रात को बाहर क्या कर रही थी, इतनी रात को तो लड़के भी सुरक्षित नहीं है, जरूर कपड़े छोटे पहने होंगे पर अब बात थोड़ी बदल गई है लोग समझने लगे हैं कि वो भी इंसान है बाहर तो निकलेगी ही। भले ही इन लोगों का अनुपात कम हो।

इस योजना से बेटियों की स्थिति बेहतर हुई- वहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से समाज में बदलाव आ रहा है भले ही बदलाव थोड़ा हो। लेकिन धीरे-धीरे ही स्थिति में बदलाव आता है। आज अगर हम महिलाओं को अधिकार देने की बात भी कर पा रहे हैं तो, इसका कारण ये योजना और इसकी जैसी योजना है क्योंकि ऐसी योजनाएं ही देश में अच्छा मौहोल बनाती है। आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजना के प्रचार-प्रसार के कारण ही लोगों की मानसिकता में बदलाव आ रहा है। बेटियों के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, इससे पहले लाडली योजना और अब महिलाओं की सहूलियत के लिए फ्री बस जैसी योजन बनी है। ये केवल योजना नहीं है एक सोच है कि कैसे आप देश की महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं। जैसे लाडली योजना से लड़कियों की साक्षरता दर में काफी वृद्दि हुई है वहीं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से बालिकाओँ की भ्रूण हत्या में कमी आयी है और बालिकाओं का शिक्षा स्तर भी काफी अच्छा हुआ है।

उपसंहार- बात स्पष्ट है लड़का और लड़की ये दोनों ही पृथ्वी पर संतुलन बनाने के लिए जरूरी है और यदि बेटी को भ्रूण में ही खत्म कर दिया। तो आपने प्रत्यक्ष रूप से प्राकृति को ही नष्ट कर दिया है और जब उत्पत्ति ही नहीं होगी तो इंसान जन्म कैसे लेगा। बात साफ है यदि लड़को को जीवत रखना है तो लड़कियों को भी जीवत रखना होगा इसलिए “बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ” ।

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