भाई दूज भाई बहन का पवित्र त्यौहार है। आज हम “10 Lines on Bhai Dooj in Hindi” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’भाई दूज पर 10 लाइन’ में पढ़ेंगे।
Bhai Dooj in Hindi
भाई बहन का रिश्ता दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है। इस रिश्ते मेें कभी कभी खट्टी मीठी नोंक झोंक भी होती है परंतु भाई बहन के बीच प्रेम वाला रिश्ता पूरा बरकरार रहता है। भाई और बहन एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं। यह दोनों एक दूसरे के खास और श्रेष्ठ दोस्त भी होते हैं। यह दोनों अपने जीवन की हर छोटी से बड़ी घटनाएं आपस में साझा करते हैं। यह वह घटनाएं होती है जो वह दोनों ही अपनी मां से साझा नहीं कर सकते। भाई और बहन एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्रेम करते हैं। वह दोनों एक दूसरे पर कोई भी प्रकार का कष्ट नहीं आने देते हैं। पूरे सालभर में भाई के लिए दो बड़े त्यौहार बनाए जाते हैं। एक बड़ा त्यौहार रक्षाबंधन होता है। इस दिन सभी बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। राखी के बाद सबसे बड़ा त्यौहार भाई दूज होता है। जैसे राखी का त्यौहार भाई और बहन के प्यार को समर्पित होता है ठीक वैसे ही भाईदूज का पर्व भी होता है। भाईदूज के पर्व को यम द्वितीया भी कहते हैं। यह त्यौहार कार्तिक मास में आता है। रक्षाबंधन के बाद सभी भाई-बहन को इसी त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है। दिवाली से ही जुड़ा यह पर्व दिवाली के दूसरे दिन को आता है। दिवाली पांच दिवसीय पर्व होती है। धनतेरस, रूप चौदस, दीपावली और अन्नकूट के बाद आता है भाईदूज। भाईदूज का पर्व पूरे देशभर में मनाया जाता है। यह अक्तूबर या फिर नवंबर में आता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और भगवान से अपने भाई की सलामती की दुआ मांगती है। बहुत सी बहने भाईदूज पर अपने भाई को भोजन के लिए आमंत्रित करती है। वह अपने भाइयों के लिए उनका मनपसंद व्यंजन तैयार करती है। खाना खाने के बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं। यह पर्व यम द्वितीया के नाम से मशहूर है। भाईदूज पर स्कूल और कॉलेज में राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है। भाईदूज को भारत के अलग राज्यों मेें अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। बंगाल में इस दिन को भाई फोंटा के नाम से मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश में इस दिन को भगिनी हस्त भोजनाम के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में भाईदूज को भाऊ बीज के नाम से जाना जाता है। हरियाणा, गुजरात और गोवा जैसे राज्यों में भी इसे भाऊ बीज के नाम से ही बनाया जाता है।
भाईदूज पर एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार ठीक इसी दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज जी को तिलक लगाकर प्रेमपूर्वक भोजन करवाया था। यमराज जी अपनी बहन का ऐसा आतिथ्य देखकर इतना खुश हुए कि उन्होंने अपनी बहन से वरदान मांगने को कहा। वरदान की बात सुनकर यमुना जी ने कहा कि “भैया, मैं कोई बड़ा वरदान नहीं मांगना चाहती हूं। बस मैं इतना ही चाहती हूं कि जैसे आप आज मेरे घर पर खाने खाने आए ठीक वैसे ही आप हर साल इस दिन मेरे घर पर खाना खाने आए। मैं यह भी चाहती हूं कि समस्त दुनिया इस दिन को भाईदूज के नाम से मनाए और जो कोई भी बहन अपने भाई को तिलक करे उसे हमेशा के लिए आपसे (यम) भय खत्म हो जाए। यह मान्यता है कि ठीक उसी दिन से भाईदूज मनाने की परंपरा चल पड़ी।
10 Lines on Bhai Dooj in Hindi
- भाईदूज भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है।
- भाईदूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
- इस दिन बहन अपने भाई को खाने के लिए अपने घर पर आमंत्रित करती है। वह अपने भाई को तिलक भी करती है।
- भाई अपनी बहन से तिलक करवाने के बाद उन्हें गिफ्ट देते हैं।
- रक्षाबंधन की ही तरह यह पर्व भी भाई-बहन के बीच पवित्र स्नेह को दर्शाता है।
- इस पर्व को दीपावली के ठीक दूसरे दिन मनाया जाता है।
- बहुत सी बहने इस दिन पर चंद्रमा का दर्शन करके चंद्र देव से अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती है।
- पौराणिक कथा के अनुसार जो कोई भी भाई अपनी बहन से तिलक करवाने हैं उन्हें यमराज जी का भय खत्म हो जाता है।
- इस त्यौहार को भारत के अनेक राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। भारत से बाहर इसे नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
- भाईदूज पर स्कूल और काॅलेज में राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है।
5 Lines on Bhai Dooj in Hindi
- भाईदूज को भाई फोंटा और भाऊ या भाई बीज के नाम से भी जाना जाता है।
- भाईदूज पर सभी बहने अपने भाई के पसंद का खाना बनाती है।
- इस पर्व पर भाई के माथे पर तिलक निकालना बहुत शुभ माना जाता है।
- यह पर्व मनाने से भाई और बहन के बीच प्रगाढ प्रेम पैदा होता है।
- भारतीय मान्यता के अनुसार इसी ही दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज जी को तिलक करके खाना खिलाना था।
FAQ on Bhai Dooj in Hindi
Question : भाईदूज पर्व का क्या महत्व है?
Answer : भाईदूज का पर्व हर साल बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भाईदूज दिवाली पर्व के पांचवें दिन को आता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता है। इस दिन पर यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन सभी बहने अपने भाई को अपने घर पर आमंत्रित करती है। वह अपने भाई के लिए उसका मनपसंद व्यंजन है। कहते है कि इसी दिन जब भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का अंत करने के बाद वह अपनी बहन सुभद्रा के घर गए थे तो सुभद्रा ने कृष्ण जी का बड़ी ही धूमधाम से स्वागत किया था। एक पौराणिक कथा यह भी है कि इसी दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना जी से तिलक निकलवाया था।
Question : भाईदूज के दिन किसकी पूजा की जाती है?
Answer : भाईदूज के दिन यम देवता की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि ठीक इसी दिन यमुना मैया ने अपने भाई को तिलक लगाकर पूजा की थी।
Question : भाईदूज का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
Answer : भाईदूज के त्यौहार के दिन सभी बहनें सुबह जल्दी उठकर नहाती हैं। बहुत सी ऐसी बहनें भी है जो अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती है और उसके लिए व्रत रखती है।
Question : भाईदूज के अन्य नाम क्या है?
Answer : भाईदूज को इसके अलावा भाईबीज, भाऊ बीज और भाई फोंटा के नाम से जाना जाता है।