करवा चौथ हिन्दुओ का पवित्र त्यौहार है। आज हम “10 Lines on Karwa Chauth in Hindi” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’करवा चौथ पर 10 लाइन’ पढ़ेंगे।
Karwa Chauth in Hindi
लाल रंग की साड़ी पहनी हुई औरतें, मांग में भरी हुई लाल सिंदुर और हाथ में पूजा की थाली लिए छत पर चांद के इंतजार में खड़ी औरतें। यह लाइन पढ़ते ही आपके दिमाग में कौन सा दृश्य उभर रहा है? मुझे पता है कि सभी समझ गए होंगे की यहां पर बात हो रही है भारत के सबसे प्रसिद्ध त्यौहार करवा चौथ की। करवा चौथ भारत का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। यह व्रत महिलाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। यह व्रत उत्तर भारत में ज्यादा मनाया जाता है। यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन पर महिलाएं पूरे दिन कड़ा व्रत करती है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन पानी नहीं पीती। इसका मतलब यह है कि सभी महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत धारण करती है। वह पूरे दिन ना तो कुछ खाती है और ना ही कुछ पीती है। इस व्रत के सूर्योदय से पहले सरगी का कार्यक्रम रखा जाता है। फिर सूबह नहाने धोने के बाद शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। दोपहर के वक्त महिलाएं इस व्रत की कथा सुनती हैं। रात को चंद्रमा के आने पर वह सभी उसका दर्शन करती हैं और पूजा करती हैं। उसके बाद अपने पति के हाथों से पानी पीती है और इसके बाद में अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन महिलाओं में करवें बांटने का भी महत्व है। इस दिन पर महिला अपने से किसी बड़ी महिला को सुहाग की चीजें जैसे – सिंदूर, चूडियां, कंघी, बिंदी और रुपए देती है। यह व्रत केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़े ही चाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन पर महिलाओं को पूरे दिन भूखा रहना होता है इसलिए वह सभी करवा चौथ के दिन दिन भर सजती और संवरती है। ब्यूटी पार्लर जाती है। नई पोशाक बदलती हैं। मेकअप करती है। अपने हाथों को मेहंदी से सजाती हैं। यह व्रत महिलाओं में ही नहीं बल्कि कुंवारी लड़कियों में भी इस व्रत को लेकर उत्साह रहता है। आजकल तो यह भी चलन है कि शादीशुदा महिलाओं के पति और कुंवारी लड़कियों के बॉयफ्रेंड भी इस व्रत को उत्साह के साथ करते हैं। करवा चौथ का व्रत दिवाली से 9 दिन पहले आता है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को पड़ता है। यह व्रत पति और पत्नी के पवित्र रिश्ते को और भी प्रगाढ करता है। इस व्रत से दोनों के बीच प्रेम और सम्मान की भावना बढ़ती है। करवा चौथ पर एक पौराणिक कथा भी जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार सावित्रि नाम की एक महिला थी। वह सच्ची पतिव्रता थी और अपने पति से बहुत प्रेम करती थी। एक बार यमराज सावित्रि के घर आए और उसके पति सत्यवान को अपने साथ ले गए। सत्यवान का स्वर्गवास हो गया। यह सुनकर सावित्रि बिलख बिलख कर रोने लगी। जैसे ही उसको पता चला कि यमराज उसके पति को यमलोक ले गए तो वह भी यमलोक पहुंच गई। उसने यमलोक पहुंचकर अन्न और जल का त्याग कर दिया और वह गहरी साधना में लीन हो गई। यह साधना करके वह अपने पति को मौत के मुंह से निकालना चाहती थी। उसके इस कड़े भक्तिभाव से यमराज का हृदय पिघल गया। यमराज ने सावित्रि को समझाया कि, “जीवन और मृत्यु का एक निश्चित काल है। जैसे एक मनुष्य का धरती पर आना निश्चित है ठीक वैसे ही मृत्यु का भी एक निश्चित समय है। मृत इंसान को कभी भी जीवित नहीं किया जा सकता है। क्योंकि तुम्हारी साधना बहुत ही पवित्र थी इसलिए मैं तुम्हें वरदान मांगने को बोलता हूं।” इस पर सावित्रि ने अपने पति का जीवन यमराज से मांगा। खुश होकर यमराज ने सत्यवान को दोबारा जीवन प्रदान कर दिया। उस दिन से करवा चौथ का व्रत मनाया जाने लगा।
10 Lines on Karwa Chauth in Hindi
- करवा चौथ भारत का प्रमुख और लोकप्रिय त्यौहार है।
- करवा चौथ व्रत के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती है।
- इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत धारण करती हैं।
- व्रत के एक दिन पहले सरगी का कार्यक्रम रखा जाता है।
- यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं।
- यह व्रत करने से पति और पत्नी के बीच प्रेम और भी प्रगाढ हो जाता है।
- यह त्यौहार प्रमुख तौर से हरियाणा और पंजाब का है।
- यह त्यौहार कार्तिक मास के महीने में मनाया जाता है।
- इस त्यौहार को कर्क चतुर्थी के रूप में भी मनाया जाता है।
- इस दिन भगवान शिव और पार्वती को पूजा जाता है।
5 Lines on Karwa Chauth in Hindi
- करवा चौथ बहुत महत्वपूर्ण व्रत होता है।
- इस साल करवा चौथ 13 अक्तूबर 2022 को मनाई जाएगी।
- करवा चौथ का यह व्रत रिश्तों में प्रगाढ़ता लाता है।
- मैं भी इस व्रत को लेकर बहुत ही उत्साहित हूं।
- इस साल यह मेरा पहला करवा चौथ होगा।
FAQ on karwa Chauth in Hindi
Question: करवा चौथ का व्रत इतना खास क्यों होता है?
Answer: करवा चौथ का व्रत हर एक महिला के लिए बहुत खास होता है। यह व्रत शादी के खुबसूरत बंधन को समर्पित त्यौहार होता है। यह हमें हमारे शादीशुदा जीवन में होने वाले कर्तव्यों की याद दिलाता है। करवा चौथ का व्रत हमें यह सीखाता है कि हमें कैसे अपने जीवनसाथी को बिना कोई शर्त के प्यार और समर्थन देना होता है।
Question: इस व्रत को करवा चौथ क्यों कहा जाता है?
Question: करवा ‘बर्तन’ (पानी का एक छोटा मिट्टी का बर्तन) के लिए एक और शब्द है और चौथ का अर्थ हिंदी में ‘चौथा’ है (इस तथ्य का एक संदर्भ है कि त्योहार अंधेरे-पखवाड़े के चौथे दिन या कृष्ण पक्ष (कार्तिक मास) के दिन पड़ता है।
Question: करवा चौथ पर किस भगवान की पूजा की जाती है?
Question: करवा चौथ पर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
Question: करवा चौथ की पूजा में क्या क्या चाहिए होता है?
Question: करवा चौथ की पूजा में शामिल होने वाली सोलह श्रंगार की वस्तुएं – मेहंदी, सिंदूर, बिछिया (टॉरिंग्स), नथ (नाक पिन), चूड़ियां (चूड़ियां), बिंदी, कंघी (कंघी), दर्पण, महावर, अल्ता, लाल चुनरी, हार, झुमके।
Question: करवा चौथ के दिन क्या किया जाता है?
Question: इस दिन, महिलाएं भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा करती हैं और रात को चंद्रमा को देखकर और प्रसाद चढ़ाकर उपवास पूरा करते हैं। यह व्रत सूर्योदय के बाद बिना भोजन या जल ग्रहण किए किया जाता है और रात में चंद्रमा को देखने के बाद समाप्त होता है।