10 Lines on Omicron Virus in Hindi । ओमीक्रॉन वायरस पर 10 लाइन

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आज हम “10 Lines on Omicron Virus in Hindi” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’ओमीक्रॉन वायरस पर 10 लाइन’ पढ़ेंगे।

Omicron Virus in Hindi

एक समय पर दुनिया की महाशक्तियों में भयंकर युद्ध छिड़ा था। उस समय पर पूरी दुनिया जैसे उथल-पुथल हो गई थी। उस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा था। दुनियाभर में लाखों में इंसान मारे गए थे। इतनी बड़ी भयंकर त्रासदी के बाद 2019 का साल दुनिया पर कहर बनकर टूटा। यह कोई तीसरा विश्वयुद्ध नहीं था जिसने इतनी बड़ी त्रासदी से दुनिया को हिला दिया। एक छोटे सा वायरस दुनिया में तहस नहस कर सकता है यह किसी ने भी नहीं सोचा था। दरअसल कोरना एक महामारी है जिसका सबसे पहला केस चीन में आया था। उसके बाद यह लगातार फैलता गया। शुरूआती दौर में यह किसी को भी समझ में नहीं आया कि आखिर यह कौन सी बीमारी थी। कोरोनावायरस की समझ तब पड़ी जब इस बीमारी ने पूरी दुनिया को अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया। सभी लोग इसकी चपेट में आना शुरू हो गए। जैसे हमारी पौराणिक कथाओं में राक्षस लोगों को अपना रूप बदलकर मारते है ठीक वैसे ही कोरोना के केस मेें भी हुआ। कोरोनावायरस में हर बार अलग-अलग वेरिएंट ने अपना रूप बदलकर ना जाने कितनी लोगों की जान ले ली। अल्‍फा, बीटा, गामा, डेल्‍टा और ओमीक्रॉन कोरोना के वेरिएंट थे। इनमें ओमीक्राॅन वेरिएंट इन चार वेरिएंट के बाद सामने आया। वैज्ञानिकों ने इस वेरिएंट का साइंटिफिक नाम B.1.1.529 रख दिया। वैज्ञानिकों ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न का नाम भी दिया था। इस वायरस को ज्यादा घातक और शक्तीशाली माना जा रहा था। यह माना जा रहा था कि ओमीक्रॉन डेल्टा वायरस से भी अधिक घातक होगा। ओमीक्रॉन का सबसे पहला केस साउथ अफ्रीका में आया था। लोगों को इस वायरस का ढंग से अंदाजा ही नहीं लगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस वेरिएंट के अंदर लगभग 30 म्यूटेशन है। इस वायरस के रोगी सिर्फ साउथ अफ्रीका में ही नहीं मिले थे बल्कि इस वायरस ने नीदरलैंड, इजरायल, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में भी अपने पांव पसारे थे। हालांकि यह भारत में अपना ज्यादा असर नहीं दिखा पाया। इसका एक बड़ा कारण भी था। दरअसल भारत के 70% लोगों ने कोरोना से लड़ने के लिए दो डोज ले ली थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस वायरस ने लोगों को अपनी चपेट में लेकर बीमार नहीं किया। इस वेरिएंट ने भी दूसरे वेरिएंट की ही तरह लोगों को संक्रमित किया पर लोग जल्द ही इस वायरस से उबर भी गए। इस वायरस ने उन सभी लोगों को तेजी से जकड़कर प्रभावित किया जिन लोगों ने एक भी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई थी। जब यह पहली बार सामने आया तब एक बार के लिए तो लोगों में दहशत फैल गई थी। उन्हें लगा कि यह वेरिएंट बहुत ज्यादा खतरनाक होगा। पर ऐसा नहीं हुआ। लोगों में ओमीक्रॉन के लक्षण हल्के दिखे जैसे – थकान, मामूली बुखार और शरीर में दर्द। इस वायरस में भी दूसरे वायरस की ही तरह सावधानी बरतने के लिए बोला गया। लोगों को यह जानकारी दी गई कि वह भीड़भाड़ भरे इलाके में ना जाए, हाथों को अच्छे से साबुन से धोए, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, मास्क को हमेशा पहने रखें, सोशल डिस्टेेंसिंग का पालन करें और समय पर कोरोना की वैक्सीन लगवाए।

10 Lines on Omicron Virus in Hindi

  1. अल्‍फा, बीटा, गामा, डेल्‍टा के बाद ओमीक्रॉन वेरिएंट दुनिया में फैला।
  2. वैज्ञानिकों ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की उपाधि दी थी।
  3. ओमीक्रॉन का पहला भारत का रोगी केरल में मिला था।
  4. ओमीक्रॉन सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में फैला था।
  5. ओमीक्रॉन का पता चलने पर वैज्ञानिकों ने कहा था कि इस वायरस के आने से दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर आ गई। 
  6. वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया था कि यह वायरस दूसरे वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा घातक है।
  7. विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) ने भी ओमीक्रॉन को डेंजरस जोन में डाल दिया था।
  8. जो लोग पहले से ही कोरोना की दो वैक्सीन लगवा चुके थे उनपर ओमीक्रॉन का असर बहुत कम रहा।
  9. ओमीक्रॉन वायरस के चलते भारत के कई राज्यों में रात को लाॅकडाउन लगाकर पालन किया गया था।
  10. इस वायरस में मामूली बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान जैसे लक्षण देखे गए थे।

5 Lines Omicron Virus in Hindi 

  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर 2021 को इस वेरिएंट का नाम Omicron रखा था।
  2. ओमीक्रॉन वायरस कई देशों में फैला था।
  3. वैज्ञानिकों ने आखिरकार यह स्वीकार किया था कि यह वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से कम घातक है।
  4. इस वायरस का पता लगने से लोगों को यह पता चल गया कि कोरोनावायरस पूर्ण रूप से अभी खत्म नहीं हुआ है।
  5. इस वायरस को ओमीक्रॉन नाम 26 नवंबर 2021 को दिया गया था।

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FAQ on Omicron Virus in Hindi

Question : ओमीक्रॉन वायरस का पता कैसे लगाया जा सकता है?

Answer: ओमीक्रॉन वायरस का पता पीसीआर और एंटीजन-आधारित डायग्नोस्टिक परीक्षणों के माध्यम से आसानी से लगाया जा सकता है।

Question : ओमीक्रॉन वायरस के प्रमुख लक्षण क्या है?

Answer: ओमीक्रॉन वायरस के प्रमुख लक्षणों में से है – सर्दी-जुकाम, थकान, नाक बहना, भारी सिरदर्द और लगातार होने वाली खांसी है।

Question : क्या ओमीक्रॉन वायरस बहुत खतरनाक वेरिएंट है?

Answer: हां, ओमीक्रॉन वायरस खतरनाक साबित हो सकता है। पर ओमीक्रॉन वायरस होने पर अस्पताल में भर्ती होना और मृत्यु की दर डेल्टा वेरिएंट से थोड़ी कम ही है। हालांकि यह युवा लोगों को कम प्रभावित करती है परंतु कमजोर शरीर वाले बुजुर्ग और बच्चों के लिए यह वायरस हानिकारक हो सकता है।

Question : क्या इंजेक्शन से ओमीक्रॉन वायरस पर लगाम लगाना संभव है?

Answer: जी हां, बूस्टर डोज के इंजेक्शन से ओमीक्रॉन वायरस पर लगाम लगाना संभव है। यह डोज 90% कारगर है।

Question : वैज्ञानिकों ने ओमीक्रॉन वायरस को क्या साइंटिफिक नाम दे रखा है।

Answer: इसका साइंटिफिक नाम है B.1.1.529। 

Question : इस वायरस में आप अपनी तरफ से क्या सावधानी रख सकते हैं?

Answer: टीकाकरण, मास्क का प्रयोग, हाथ धोना, सोशल डिस्टन्सिंग, मेहमानों से बचें, क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें, घर से काम करें और लक्षणों की उपेक्षा न करें, पब्लिक वाहनों का इस्तेमाल करें, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

Question : ओमीक्रॉन वेरिएंट से पहले वाले सभी वेरिएंटस् का नाम बताइए? 

Answer: ओमीक्रॉन वेरिएंट से पहले भी कई वेरिएंट हम सबके सामने आए। उन सभी के नाम कुछ इस प्रकार है – 
अल्‍फा, बीटा, गामा, डेल्‍टा और ओमीक्रॉन वेरिएंट।