बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती i Budh Purnima or Buddha Jayanti

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महात्मा बुद्ध का जन्म I Birth of Mahatma Buddha

बौद्ध धर्म का पावन दिन के रूप में बुध पूर्णिमा को जाना जाता है I बौद्ध धर्म में इस दिन का महत्व इसलिए है क्युकी इस दिन भगवान बुद्ध जी का जन्म हुआ था इसी दिन राजा सिद्धार्थ भगवान् बुद्ध बने थे उनको ज्ञान की प्राप्ति इसी दिन हुई थी I

Budh Purnima or Buddha Jayanti Date & Time 2020 07th May, Thursday

भगवान् बुद्ध का जन्म 563 ई. पू. कपिलवस्तु , लुम्बिनी नामक स्थान पे हुआ था I भगवान् बुद्ध का ज्ञान प्राप्ति से पहले का नाम सिद्धार्थ था वो एक राजकुमार थे उनके पिता का नाम शुद्धोधन और माता जी का नाम मायादेवी था I सिद्धार्थ के जन्म के समय ही उनके राजगुरु पुरोहित ने कुंडली का अध्ययन क्र के उनके तेजस्वी और राजपथ का मोह छोड़ सांसारिक त्याग करने की बात उनके पिता को बता दी थी I अपने पुत्र मोह के कारन राजा शुद्धोधन ने अपने पुत्र के जीवन में कभी भी दुःख और दरिद्रता का दृश्य नहीं आने दिया उनको राजभवन के बहार की दुनिया से दूर रखा गया I एक दिन नगर विहार के लिए निकलते ही उनको जीवन की सच्चाई सामने दिखाई दी एक वृद्ध के रूप में उसके बाद एक अर्थी को देखा जीवन के प्रत्येक काल और जीवन नश्वर की सच्चाई को सामने देख उन्होंने सन्यासी बनने की ठान ली I

महात्मा बुद्ध और ज्ञान प्राप्ति I Mahatma Buddha and knowledge gained

29 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग कर सन्यासी जीवन को अपनाया I उन्होंने अपनी पत्नी यशोधरा और पूर्ति राहुल को रात्रि में पीना बताये ही घर और सांसारिक जीवन का त्याग कर दिया I ज्ञान की खोज में भटकते भटकते राजकुमार सिद्धार्थ बोध गया, बिहार पहुंचे वह एक पीपल के पेड़ के नीचे छः वर्षो तक कठोर तप करने पे उनको “सम्बोधि”  अर्थार्थ ज्ञान की प्राप्ति हुई I उस पीपल के वृक्ष को बोधि वृक्ष के नाम से जाना गया और उस स्थान को बोध गया के नाम से हम सब जानते है I

बौद्ध धर्म और उसकी शिक्षा I Buddhism and its education

महात्मा बुद्ध ने अपने पहला उपदेश सारनाथ में दिया I भगवान् बुद्ध कहते है संसार में दुःख विद्यमान है और इस दुःख का कारन व्यक्ति की इच्छा है I इस सांसारिक दुखो से बचने के लिए मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान् बुद्ध ने अष्टांग मार्ग का पथ लोगो को दिखाया है I यह अष्टांगिक मार्ग है :-

१. सम्यक दृष्टि – चार आर्य सत्य में विश्वास करना

२. सम्यक संकल्प – मानसिक और नैतिक विकास की प्रतिज्ञा करना I

३. सम्यक वाक – हानिकारक बातें और झूठ न बोलना I

४. सम्यक कर्म – हानिकारक कर्म न करना I

५. सम्यक जीविका – कोई भी स्पष्टतः या अस्पष्टतः हानिकारक व्यापार न करना I

६. सम्यक प्रयास – अपने आप सुधरने की कोशिश करना I

७. सम्यक स्मृति – स्पष्ट ज्ञान से देखने की मानसिक योग्यता पाने की कोशिश करना I

८. सम्यक समाधि – निर्वाण पाना और स्वयं का गायब होना ी

बौद्ध धर्म ग्रन्थ और उपदेशो का मूल अर्थ I Buddhist scriptures and teachings

बहगवां बुद्ध उग्र तप और सांसारिक सुखो दोनों का खंडन करते हुए मध्यम और संतुलित जीवन यापन पर बल दिया है I बुद्ध ने जाती भेदभाव की आलोचना की है I बोध धर्म की शिक्षा तीन ग्रंथो के समूह में व्याप्त है जिसे त्रिपिटक के नाम से जाना जाता है I

महापरिनिर्वाण I Mahaparinirvana

483 ई. पू. में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बैशाख माह की पूर्णिमा के दिन भगवान् बुद्ध ने अपना शरीर त्याग कर महापरिनिर्वाण प्राप्त किया I इस दिन को बौद्ध सम्प्रदाय भगवान् बुद्ध को याद कर उनकी अनुकम्पा और उनके बताये मार्ग का अनुसरण करता है I

हिंदी कोना के पाठको को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई !