10 Lines on Australia Day in Hindi । आस्ट्रेलिया दिवस

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आज हम “आस्ट्रेलिया दिवस पर 10 लाइन्स निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’10 Lines on Australia Day in Hindi’ में पढ़ेंगे।

Australia Day in Hindi

ऑस्ट्रेलिया दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया दिवस को ऑस्ट्रेलिया की भूमि लोगों और सांस्कृतिक विविधता के प्रति जागरूकता की आवश्यकता और महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया दिवस की शुरुआत वर्ष 1817 को ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा हुई थी। ऑस्ट्रेलिया इसे नेशनल डे के रूप में मनाता है।

ऑस्ट्रेलिया दिवस का उद्देश्य

ऑस्ट्रेलिया दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया की भूमि लोगो और सांस्कृतिक विविधता के प्रति जागरूकता के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना होता है।

क्यों मनाया जाता है ऑस्ट्रेलिया दिवस?

26 जनवरी 1778 में न्यू साउथ वेल्स के पोर्टल पर ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा पहुंचा था। उस समय तत्कालीन गवर्नर आर्थर फिलिप ने अपने ग्रेट ब्रिटेन का झंडा लहराया था।ब्रिटिश जहाजों का आना इस बात का संकेत था कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी हिस्सों पर ब्रिटेन की संप्रभुता है। 1946 में इसे ऑस्ट्रेलिया डे नाम दिया गया था।तब से लेकर आज तक यह दिन ऑस्ट्रेलिया के आयोजनों का प्रमुख हिस्सा बन चुका है।

राष्ट्रीय समारोह

ऑस्ट्रेलिया दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसे नेशनल डे के नाम से भी जाना जाता है।इसे काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते है। सभी लोग सवेरे होते ही जल्दी उठ जाते हैं तथा किसी सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठे हो जाते हैं।भारत देश की तरह इस दिन भी वहां पर झंडा फहराया जाता है। उसके बाद भाषण दिया जाता है। रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जगह-जगह परेड का आयोजन होता है। संगीत का आयोजन होता है। सरकार सभी को मुफ्त में नाश्ता करवाती है, जिसमें ब्रेड रोल के साथ सॉसेस दिया जाता है। बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं -जैसे गैस के भरे गुब्बारे रहते हैं जिसमें बैठकर बच्चे लुफ्त उठाते हैं ,नौका दौड़ प्रतियोगिता होती है और पूरे दिन उत्सव का वातावरण बना रहता है। रात को पूरे जोश से आतिशबाजी फोड़ी जाती हैं। नये नागरिकों को शपथ दिलाई जाती है और नागरिकता की पहचान के लिए प्रमाण पत्र भी दिए जाते हैं। कैनबेरा जो की ऑस्ट्रेलिया की राजधानी है वहां ऑस्ट्रेलिया डे के दिन विशेष लोगों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस दिन उत्सव का माहौल बना रहता है तथा पूरे पूरा दिन हंसते-हंसते बीत जाता है। इस दिन ऑस्ट्रेलिया में सरकारी छुट्टी होती है।

इस दिन का इतिहास

 26 जनवरी 1778 में ब्रिटेन का पहला जहाजी बेड़ा सिडनी में पहुंच गया था। उस वक्त यहां ब्रिटिश ध्वज फहरा कर इसे ब्रिटिश आधिपत्य होने का ऐलान कर दिया गया था। उस समय इसे न्यू हॉलैंड का नाम दिया गया था। इस तरह के 11 जहाजी बेड़े थे, जिसमें ब्रिटिश सरकार के अपराधी भरे थे। ब्रिटेन से यह जहाज 13 मई सन 1787 को रवाना हुई। उसमें कुल यात्रियों की संख्या 1487 थी, जिसमें से 778 लोग अपराधी थे। इस बेड़े के कप्तान का नाम और आर्थर फिलिप था। ब्रिटेन की योजना थी कि इस भूमि पर अधिकार करके यहां पर अपनी बस्ती तथा लोगों को बसाना दूसरी वजह यह भी थी कि ब्रिटेन की जेले अपराधियों से भर चुकी थी। इसे कम करने के उद्देश्य से भी कैदियों को इन जहाजों में रवाना किया गया। यात्रा के दौरान कुछ गर्भवती माताओं ने 7 बच्चों को जन्म दिया जिनमें से कुछ गंभीर तौर पर बीमारी के कारण मारे गए थे। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर रुक कर भोजन और पानी की व्यवस्था की गई थी जहां पर आखिरी पड़ाव दक्षिण  अफ्रीका का केपटाउन था, जहां से खाना पानी कुछ पौधे तथा जानवर भी लादे गए ताकि भोजन का प्रबंध हो सके। इसके पश्चात यह लंबी और कठिन यात्रा जनवरी में ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर समाप्त हुई। इस यात्रा की कुल अवधि 252 दिनों तक की रही।यह यात्रा एक ऐतिहासिक यात्रा के तौर पर विख्यात हुई।18 से 20 जनवरी के अंतर्गत यह सारी जहाजे न्यू साउथ वेल्स में पहुंच गए थे और वहां की तेज हवाएं मीठे पानी का अभाव और अच्छे मिट्टी के अभाव के कारण वहां से कुच करना पड़ा था। कप्तान फिलिप दूसरी जगह ढूंढने लगा और अंततः 26 जनवरी 1778 को वहां ऑस्ट्रेलिया के पोर्ट जैक्सन में पहुंचा। यह जगह उसे सही लगा और सभी जहाजों ने वहां लंगर डाल दिए। कप्तान फिलिप ने इसे सिडनी को का नाम दिया तथा ब्रिटेन का राष्ट्रीय ध्वज पर आकर इस इलाके को ब्रिटेन का औपचारिक रूप से बस्ती घोषित कर दिया।

 विद्रोह के रूप में ऑस्ट्रेलिया 

ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी ब्रिटेन के लोगों के आने के इस दिन को मूल आदिवासी संस्कृति और प्रकृति के विनाश के रूप में मनाते हैं। 1938 में इसे शोक दिवस का नाम दिया गया उसके बाद ऑस्ट्रेलिया वासियों ने आपत्ति करना शुरू कर दिया। जिसके कारण इसका नाम बदलकर आक्रमण दिवस (सर्वाइवल डे) का नाम दिया गया।अबोरीजल्स खुद को ऑस्ट्रेलिया का ही हिस्सा मानते हैं और ऑस्ट्रेलिया सरकार ने उन्हें विशेष सुविधाएं भी मुहैया करवाती हैं। यह सब केवल इतिहास को जिंदा रखने के लिए किया गया प्रयास मात्र है।

10 Lines on Australia Day in Hindi

  1. इस दिन सरकारी छुट्टी होती है।
  2. इस दिन सरकार सभी को मुफ्त में नाश्ता करवाती है।
  3. बच्चों के लिए गैस भरे गुब्बारे की सवारी नौका प्रतियोगिता का आयोजन होता है।
  4. रात को आतिशबाजीयों से शहर झूम उठता है।
  5. सरकार नये नागरिकों को प्रमाण पत्र देती है।
  6. कैनबरा में विशेष लोगों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
  7. पूरे दिन में उत्सव का माहौल बना रहता है।
  8. 26 जनवरी 1788 को ब्रिटेन यहां समुद्री जहाज के साथ आए थे।
  9. ब्रिटेन ने अपना झंडा लहरा कर इस इलाके को औपचारिक तौर पर अपनी बस्ती घोषित की।
  10. 1938 में से इसे शोक दिवस का नाम दिया गया। 

5 Lines on Australia Day in Hindi

  1. ऑस्ट्रेलिया दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।
  2. ऑस्ट्रेलिया की सांस्कृतिक विविधताओं के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु इस दिन का पालन किया जाता है।
  3. ऑस्ट्रेलिया दिवस की शुरुआत 1817 को ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा की गई थी।
  4. ऑस्ट्रेलिया में इस ए नेशनल डे के तौर पर मनाया जाता है।
  5. इस दिन परेड के साथ-साथ कई रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

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FAQ on Australia Day in Hindi

1. ऑस्ट्रेलिया दिवस कब मनाया जाता है?

 उत्तर- ऑस्ट्रेलिया दिवस प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।

2. ऑस्ट्रेलिया दिवस क्यों मनाया जाता है?

 उत्तर -ऑस्ट्रेलिया दिवसको मनाने का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया की भूमि लोगों और सांस्कृतिक विविधता के प्रति जागरूकता के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना।

3. इसे कैसे मनाया जाता है ?

उत्तर -इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम जिसमें परेड संगीत प्रतियोगिता, नौका प्रतियोगिता,आतिशबाजी अनुष्ठान शामिल होते हैं।

4. शोक दिवस का नाम क्यों दिया गया ?

उत्तर ऑस्ट्रेलिया के मूल आदिवासी ब्रिटेन के लोगों के आने से इस दिन को मूल आदिवासी संस्कृति और प्रकृति के विनाश के रूप में मनाते हैं। इसीलिए इसे शोक दिवस का नाम दिया गया था।

5. जहाजों के बेड़े के कप्तान का क्या नाम था?

उत्तर-जहाज जहाजों के बेड़े के कप्तान का नाम आर्थर फिलिप था।