आज हम “अंतर्राष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस पर 10 लाइन्स निबंध” लेकर आपके समक्ष आये है, इस आर्टिकल में आप ’10 Lines on International Day of Commemoration in Hindi’ में पढ़ेंगे।
International Day of Commemoration
International Day of commemoration यानी अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस हर वर्ष 27 जनवरी को मनाया जाता है। 27 जनवरी को होलोकास्ट के पीडि़तो की याद में अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 2022 में संयुक्त राष्ट्र प्रलय स्मरण और शिक्षा को निर्देशित करने वाला विषय स्मृति,गरिमा अन्याय को थीम बनाया गया था। इस दिन का उद्देश्य जो त्रासदी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुई थी उसी की याद में मनाया जाता है। इसे समझने के लिए इस दिन के इतिहास को सर्वप्रथम हमें जानना होगा।
त्रासदी का इतिहास
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब जर्मनी पर हिटलर का साम्राज्य था तो जर्मनी के नाजी शासकों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 1940 से 1945 के बीच यूरोप में बसे यहूदी आबादी के लगभग दो-तिहाई अर्थात 6 मिलियन यूरोपीय यहूदियों को बहुत बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के नाजी शासन के पीड़ितों के आधिकारिक स्मरणोत्सव के लिए 27 जनवरी को चुना गया।
इसके बाद 2005 से प्रत्येक वर्ष 27 जनवरी को दुनियाभर में प्रलय की शिक्षा देने और यहूदियों की याद में इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
नाजी और यहूदी कौन थे?
नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी को नाजी कहा जाता था। यह एक राजनीतिक पार्टी थी जो 1919 के पहले विश्व युद्ध के बाद स्थापित की गई थी। साल 1920 में यह पार्टी बहुत ही लोकप्रिय पार्टी के नाम से मशहूर थी क्योंकि उस वक्त जर्मनी पहले विश्व युद्ध खत्म होने के बाद पतन के दौर से गुजर रहा था। प्रथम विश्व युद्ध में हारने के बाद जर्मनी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। जर्मनी में आर्थिक मंदा छाया था क्योंकि जीतने वाले देश को जर्मनी ने बहुत पैसे देने पड़े थे। जर्मनी में यहूदी धर्म या ज्यूस विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से एक है तथा यह दुनिया का प्रथम दुनिया का प्रथम एकेश्वरवाद धर्म है।
जर्मन के अधिकतर लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे थे उस समय लोग बदलाव की आशा के कारण नाजी पार्टी की ओर अग्रसर हुए। नाजी नस्लवादी थी उनका मानना था कि जर्मन पूरी दुनिया में सबसे श्रेष्ठ थे। यह यहूदियों के घोर विरोधी थे जिसका असर इनकी सभी नीतियों और कार्यों पर पड़ा। उस समय जर्मनी की सत्ता और धनाढ्य कर्म में यहूदियों का वर्चस्व था। नाजी को जर्मन लोगों के हित के विरुद्ध मानते थे।वह यह भी मानते थे कि जर्मनी दूसरों की तुलना में एक बेहतर देश था और उसके लोगों की श्रेष्ठता का मतलब था कि वे दूसरे लोगों पर हावी हो सकते हैं। इसी सोच ने जर्मनी को दूसरे देशों पर हमला करने और शासन करने के लिए प्रेरित भी किया।
होलोकास्ट समूचे यहूदियों को जड़ से खत्म कर देने का सोचा समझा और योजनाबद्ध प्रयास था। द्वितीय विश्व युद्ध के समय जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने होलोकास्ट के नाम पर लाखों लोगों को नजरबंदी कैंप में रखा उनमें से लगभग 1100,000 लोगों को गैस चेंबर में डाल कर मार डाला गया। दूसरे हजारों लोग नजरबंदी कैंप में ठंड और भुखमरी से मर गए।1939 में जर्मन द्वारा विश्व युद्ध भड़काने के बाद हिटलर ने यहूदियों को जब जड़ से मिटाने के लिए अपने अंतिम हल फाइनल सॉल्यूशन को अमल में लाया तो उनके सैनिक यहूदियों को कुछ खास इलाकों में घुसने लगे। उन से काम करवाने उन्हें एक जगह इकट्ठा करने और मादा ने मार डालने के लिए विशेष कैंप बनाए गए थे। जिनमें आश्वित्ज का काम सबसे कुख्यात था पोलैंड का अवश्य अश्विन हिटलर की हैवानियत का सबसे बड़ा सेंटर था। यह नाजी हुकूमत का सबसे बड़ा नजरबंदी शिविर था। नाजी खुफिया एजेंसी एस एस यहां पर यूरोप के सभी देशों से यहूदियों को पकड़ कर लाती जहां पहुंचते ही उनमें से कई लोगों को गैस चेंबर में डालकर मार दिया जाता था। वहीं कई लोग ऐसे भी थे जिन्हें काम करने के लिए जिंदा रखा जाता था। उनकी पहचान मिटा कर उनके हाथ पर एक नंबर गोद दिया जाता था, जिससे उनकी पहचान होती थी। इस दौरान उन्हें मरने तक यातनाएं दी जाती थी। उनके सिर के बाल उतार लिए जाते थे। कपड़ों की जगह चित्र पहना दिए जाते थे। इसके बाद उन्हें बस जिंदा रहने के लिए जरूरी खाना दिया जाता था। उनके निष्क्रिय होने तक उन्हें यातनाएं दी जाती थी। जो ज्यादा कमजोर हो जाते तथा काम करवाने योग्य नहीं रहते उन्हें बारी-बारी से गैस चैंबर में ले जाकर मार दिया जाता था। युद्ध के 6 साल के दौरान नाजियों ने करीब 600,000 यहूदियों की हत्या की जिसमें से 1500,000 बच्चे थे।
पीड़ितों की याद में उनके साथ हुए जुल्म को याद करके तथा उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देकर इस दिन का पालन किया जाता है।
10 Lines on International Day of Commemoration in Hindi
- अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सवदिवस हम नरसंहार के शिकार के लिए मनाते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस मनाने का उद्देश्य नरसंहार के बारे में जागरूकता बढ़ाना होता है।
- अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस हम इसके पीड़ितों की गरिमा और अपराध की रोकथाम के लिए मनाते हैं।
- स्मरणोत्सव का अंतरराष्ट्रीय दिवस के पीड़ितों को याद करना और उन्हें सम्मानित करना है।
- अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस दिवस हम हर साल 27 जनवरी को मनाते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा नरसंहार अपराध नाम दिया गया।
- इस वर्ष सम्मेलन में 70 वी वर्षगांठ मनाई जा रही है।
- अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस पीड़ितों की रोकथाम के लिए मनाया जाता है।
- स्मरणोत्सव का अंतरराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष मनाया जाता है।
- पूरे विश्व में इस दिवस का पालन किया जाता है।
5 Lines on International Day of Commemoration in Hindi
- यह दिन नाजीवाद के द्वारा खत्म किए गए लाखों पीड़ितों को भी सम्मानित करता है।
- इस दिन संयुक्त राष्ट्र ने हर सदस्य राज्य से भविष्य के नरसंहार को रोकने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम विकसित करने का आग्रह किया।
- 2022 का थीम स्मृति गरिमा और न्याय था।
- यह थीम ऐतिहासिक रिकॉर्ड की सुरक्षा पीड़ितों को याद करने के लिए प्रदान करता है।
- यह घृणा को चुनौती देने के लिए कार्यवाही को प्रोत्साहित करता है।
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FAQ on International Day of Commemoration in Hindi
1. एक इस दिन को मनाने में संयुक्त राष्ट्र की क्या भूमिका है?
उत्तर- संयुक्त राष्ट्र अपने सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं इतिहास और उनकी गरिमा को पुनः प्राप्त करने के लिए बचे लोगों द्वारा लिए गए किए गए कार्यों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए होलोकास्ट स्मारक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन करता है।
2. होलोकास्ट क्या है?
उत्तर- होलोकास्ट को शोह(Shah) के नाम से भी जाना जाता है।यह द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार था।1941 से 1945 के दौरान नाज़ी जर्मनी ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप में लगभग 60,00,000 यहूदियों की हत्या कर दी थी।
3.पहला अंतरराष्ट्रीय स्मरणोत्सव पहली बार कब मनाया गया था?
उत्तर- इसे पहली बार 27 जनवरी 2006 को मनाया गया था।
5. इस दिन यूनेस्को क्या करता है?
उत्तर -होलोकास्ट रिमेंबरेन्स पर यूनेस्को जनरल कॉन्फ्रेंस रिवॉल्यूशन के अंतर्गत होलोकास्ट के ऐतिहासिक महत्व पर जोर देता है।
6. यहूदियों को कहाँ नजरबंद किया गया?
उत्तर -आश्वित्ज की स्थापना 1940 में जर्मनी द्वारा उस ओस्विश्विम के उपनगरीय इलाके में की गई थी, जो कि एक पॉलिश शहर था,जिसे नाजियों द्वारा तीसरे रेह से जोड़ा गया था तथा यह विनाश का सबसे बड़ा केंद्र था।