बुलंद दरवाज़ा एक मुख्य द्वार है। अकबर कालीन इस द्वार पे अद्भुत नक्काशियां देखने को मिलती है। भारतीय और पारसी कला का सौंदर्य उदाहरण के तौर पे इसे देखा जाता है। इस लेख में आपको बुलंद दरवाज़े से जुडी सभी प्रकार की जानकारी दी जाएगी।
बुलंद दरवाजा किसने बनाया था ? । Who made the Buland Darwaza?
बुलंद दरवाजा जिसे जीत की निशानी माना जाता है। इस दरवाजे को मुग़ल बादशाह अकबर ने गुजरात पे विजय प्राप्त करने की ख़ुशी में बनवाया था। इसी लिए इस दरवाजे को जीत का द्वार नाम से सम्बोधित किया गया है।
बुलंद दरवाज़ा कब बनाया गया था ? । When was the Buland Darwaza built?
इस दरवाजे को 1602 ईस्वी में बनवाया गया था।
बुलंद दरवाजा कहा है ? बुलंद दरवाजा और फतेहपुर सीकरी का क्या रिश्ता है ? । Where is the Buland Darwaza located ?
बुलंद दरवाज़ा उत्तर प्रदेश में स्थित आगरा से 43 किलोमीटर दूर फ़तेहपुर सिकरी में जमा मस्जिद स्थित है, बुलंद दरवाजा इसी जमा मस्जिद में प्रवेश करने का मुख्य द्वार है।
बुलंद दरवाज़ा का क्या क्या अर्थ है ? । Meaning of Buland Darwaza
बुलंद शब्द उर्दू का शब्द है जिसका हिंदी अर्थ महान या ऊँचा होता है इस प्रकार बुलंद दरवाज़े का अर्थ महान दरवाज़ा या विशाल दरवाज़ा है।
बुलंद दरवाज़े की खासियत क्या है ? । Buland Darwaza Specialty
बुलंद दरवाजा दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा माना जाता है, इसे मुग़ल काल के अद्भुत निर्माण के रूप में देखा जाता है। मुग़ल काल के दौर में भारतीय कारीगरों की कुशलता इस द्वार को देखते ही समझ आती है और प्रशंसा करने का मन होता है। बुलंद दरवाज़ा लाल बलुए पत्थरो का बना हुआ है। इस दरवाजे को सजाने के लिए सफ़ेद और काळा रंग के पत्थरो का इस्तेमाल किया गया है। इसको सजाने के लिए संगमरमर के पत्थरो को बहुत ही खूबसूरती से तराशा गया है। बुलंद दरवाज़ा यहाँ बनी मस्जिद के आँगन के बड़ा है।बुलंद दरवाज़ा यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का खिताब भी पा चूका है।
बुलंद दरवाज़े की कुल उचाई कितनी है ? Buland Darwaza Height
बुलंद दरवाज़े की उचाई 280 फुट है।
बुलंद दरवाज़े से जुड़ी अन्य जानकारिया । Buland Darwaza Interesting Facts
इसे बनने में 12 साल का समय लगा था। बुलंद दरवाज़े के पूर्वी ओर फ़ारसी में लिखा एक शिलालेख है जो की 1601 में दक्कन पर अकबर की विजय गाथा कहता है।
यह दरवाज़ा 54 मीटर ऊंचा ओर 35 मीटर चौड़ाई लिए है, और इस तक पहुंचने के लिए 42 सीढिया चढ़ने की आवश्यकता पड़ती है। दरवाज़े के स्तम्भों पर मुस्लिमो की पाक ग्रन्थ कुरान की आयते देखने को मिलती है। यह दरवाज़ा गुम्बदों और मीनारों से सजा हुआ है। मुख्य द्वार पे एक पारसी शिलालेख लिखा है, जिसमे लिखा है “ईसा (जीसस) मेरी के पुत्र ने कहा है : यह संसार एक पल की भांति है, इस पर आया जाया जा सकता है लेकिन इस पर घर नहीं बनाना चाहिए। आप एक दिन या अनंत काल की आशा कर सकते है, परन्तु जीवन लीला घंटे भर की ही है। इसलिए जीवन को ईश्वर की प्रार्थना में बिताओ। इतिहासकारो की माने तो 1571से 1585 ईस्वी तक फतेहपुर सिकरी मुगलो की राजधानी रही थी।
बुलंद दरवाज़ा देखने के लिए कैसे पहुंचे । Buland Darwaza Tour & Travels in Hindi
बुलंद दरवाज़ा फतेहपुर सिकरी, आगरा डिस्ट्रिक्ट, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। भारतीय और पारसी वस्तुकला का अधभूत संगम देखने को मिलता है।
देखने का समय :
- प्रतिदिन, सुबह से शाम तक
कैसे पहुंचे :
- अगर आप रेल से जाना चाहते है, तो फतेहपुर सिकरी रेलवे स्टेशन उतरे यह से दूरी लगभग 1 किलोमीटर है।
- अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते है, तो आपको आगरा एयरपोर्ट उतरना होगा यह से इसकी दूर लगभग 40 किलोमीटर है।