नेतृत्व की आवश्यकता समाज या व्यक्ति विशेष सभी को होती है। समाज या व्यक्तिगत व्यक्तिव्य का सभी विकास एक स्वस्थ नेतृत्व में ही संभव है। आज आप इस पोस्ट में leadership essay in hindi पढ़ेंगे। नेतृत्व पर निबंध स्कूल और कॉलेज में जरूर पुछा जाता है। इस हिंदी निबंध को आप essay on leadership in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।
लीडरशिप जिसे हिंदी में नेतृत्व कहा जाता है। लीडरशिप एक कला है। ये वह गुण है जो 100 में से हज़ारों में से किसी एक के पास होता है।जो व्यक्ति बचपन से जिस माहौल में रहता है उसमे वैसा ही गुण विकसित हो जाते है। जैसा हम देखते है, जैसा हम सीखते है, जैसा हम करते है उससे हमे अपने नेतृत्व के गुण के बारे में ज्ञात होता है। नेतृत्व के बहुत सारे पहलू है पर सबसे विशेष है ‘ सरल रहते हुए निर्देश देना।’ जिससे किसी व्यक्ति के हृदय को चोट न पहुंचे। जिस व्यक्ति में लीडरशिप के गुण होते है उसमे निर्णय लेने की अत्यधिक क्षमता होनी चाहिए। लीडरशिप में अनेकों लीडर्ड में से वो लीडर सबसे बेहतर माना जाता है जो बाकी के लोगो से कुछ अलग कर दिखाता है।
प्रस्तावना- सही नेतृत्व वाले व्यक्ति में लोगो को प्रभावित करने की क्षमता होती है। लीडरशिप को धारण करने वाला व्यक्ति सबमे अलग होता है। ऐसे व्यक्ति को अपने कर्तव्य ज्ञात होते है। वो समय का पालन करता है। अपने कार्य के प्रति सजग होता हैं।लीडरशिप वाले व्यक्ति के अनेक अनुयायी होते है। लोग उन्हें अपना आदर्श मान कर उनके जैसा बनने का प्रयास करते है। हमने अपनी निजी जिंदगी में ज़रूर देखा होगा ऐसा व्यक्ति जिसके हम अनुयायी है, और उनमें नेतृत्व का गुण अवश्य होगा। नेतृत्व का गुण हमे भीड़ से अलग करता हैं। हम हर छोटे बड़े काम को आसानी से अंजाम दे सकते है। नेतृत्व करने वाले व्यक्ति मे अपने काम निकलवाले की क्षमता होती है। वे आदेश देकर और लोगों से जुड़ कर कार्य सिद्ध करते है। एक अच्छे लीडर में हमेशा सीखने की चाह होती है। वे ये नही सोचते कि ये हमसे छोटा व्यक्ति है या हमारे यहां नौकरी करता है। मैं इससे कैसे सीख सकता हूँ। वे हर छोटे बड़े लोग से हर छोटी बड़ी चेज़ से सीख लेते है। अपने अनुभव से बेहतर कार्य करते है। हर रोज़ किसी घटना से सीखते है।
लीडरशिप और पढ़ाई का संबंध- ये एक ऐसा विषय है जो हमारे अंदर साहस भर देता है। हमारे आस पास ऐसे ना जाने कितने लोग है जो आंठवी भी पास नही है। उनके पास शिक्षा के कोई साधन नही। किसी के पास पैसे नही है तो किसी के पास आने जाने का साधन नही है। किसी को थोड़ा बहुत पढ़ना लिखना आता है तो किसी को बिल्कुल ही नही आता। हां इन सबसे भी अलग कुछ बच्चे होते है जिनके पास पढ़ने के लिए पैसा तो होता है, वे स्कूल भी जाते है, पर उन्हें चीज़े समझ नही आती। उनकी पढ़ाई में कम रुचि होती है। ऐसे व्यक्ति कई बार निराश पाये जाता है।उसे अपने आप पर भरोसा नही होता। वो ये सोचता है कि उसके अंदर लीडरशिप के गुण कभी भी नही आ सकते है। पर सच तो ये है कि किसी भी व्यक्ति में लीडरशिप के गुण हो सकते है बस उसे अपने आप पर कार्य करने की आवश्यकता है। कोई भी व्यक्ति लीडरशिप के गुण उत्पन्न कर सकता है अगर वो अपने आप से सीखना चाहे। हम उदहारण के तौर पर आईन्स्टीन को देख सकते हैं। उन्हें स्कूल से निकल दिया गया था क्योंकि वो पढ़ाई में कमज़ोर थे। परंतु आज हम सब उनका नाम बखूबी जानते है एवं उन्हें मानते भी है। आज उनके करोड़ो अनुयायी है। उन्होंने खुद अपने आप को इस कदर बनाया। हम भी बिना स्कूल जाए अपने आप मे ये गुण विकसित कर सकते है। कुछ करने की लगन हमे सब करने के लिए प्रेरित करेगी। हमे हमेशा ये सोचते रहना चाहिए कि हम क्या सीख रहे है।किस माहौल में जी रहे है। कितने सकारात्मक है।निर्णय लेने की क्षमता कितनी बेहतर है।अपनी बात पर रह कर उसे निभा पाते है या नही। हमे किताबें पढ़ने की आदत डालनी चाहिएं। इससे हमारा तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित होता है जो नेतृत्व करने में और सही दिशा देने में प्रभावी होता है। सुविधाओं के अभाव में भी हमने कितने लोगों को देखा है, जो मेहनत कर लीडरशिप की कला हासिल कर सफल व योग्य बनते है। उनके आगे पीछे कोई नही होता उनकी मदद करने वाला या मार्ग दर्शन देने वाला। वे खुद लीडरशिप के गुण विकसित करते है। और लाखों करोड़ों लोग उनके अनुयायी बनते है।
नेतृत्व की भूमिका- (कहाँ- कहाँ काम आता है?) दुनिया के हमारे सबसे प्यारे देश भारत मे हम रह रहे है। तो ये कहना ठीक होगा कि दुनिया को भी कोई चला रहा है और भारत को भी। दुनिया के नियम, कानून, कायदे सभी का कोई व्यक्ति नेतृत्व कर रहा है।भारत के अलावा सारे देश के भी कोई मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, नेता, राजनेता देश का नेतृत्व कर रहे है। वे देश के मुखिया है जिनके पास लीडरशिप गुण है। आज के युग मे हर क्षेत्र में लीडरशिप के गुण की आवश्यकता होती है।चाहे वो देश को चलने की बात हो, उद्योग को चालाने की बात हो, खेल के क्षेत्र की बात हो, अभिनेता या अभिनेत्री बनने की बात हो। सभी जगह पर ऐसे लोगो को चुना जाता है जिनके पास नेतृत्व के गुण हो। जो लोगो को आदेशित कर सकता हो और लाखों लोगों को संभाल सकता हो। हमारे देश मे इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस, इंडियन पुलिस सर्विस सभी मे वही लोग चुने जाते है जो नेतृत्व करने और लोगो को सम्भालने में सही दिशा देने का काम करते है। हर जगह पर ऐसे ही लीडरशिप के गुण वाले व्यक्ति का चयन होता है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भी नेतृत्व करने वाले व्यक्ति को ही स्थान दिया जाता हैं। नेतृत्व एक कला है जादू नही। विभिन्न क्षेत्र हमने देखे जिसमे ये कला की बहुत ज़्यादा आवशकता हैं। एक धंधे को चलाने में भी नेतृत्व की आवश्यकता होती है। एक समूह को एक लक्ष्य की और केंद्रित एक नेतृत्व करने वाला उद्योगपति ही कर पाता है। इसके साथ महिलाओं की ज़िंदगी मे नेतृत्व सबसे महत्वपूर्ण है। जिस महिला में नेतृत्व का गुण है वह अपना नाम से ही लाखों अनुयायी बनाती है। महिलाओं की ज़िंदगी मे नेतृत्व का उछाल अति आवश्यक है। अपनी ज़िंदगी में हम सही नेतृत्व से या लीडरशिप के गुण से कहा से कहा पहुंच सकते है। भीड़ से अलग होने का आसन तरीका है लीडरशिप के गुण होना।
कुशल नेतृत्व का रूप- अच्छे नेतृत्व वाले व्यक्ति सबमे अलग होते है। हम सब नेतृत्व को समझते है पर अच्छा नेतृत्व कैसा हो ये शायद कम ही लोग जानते है। जब हम कोई बिज़नेस करते है, वहां एक समूह होता है। और उनका कोई एक व्यक्ति बॉस या मुखिया होता है। उस व्यक्ति में नेतृत्व के गुण तो है लेकिन उसका नेतृत्व अच्छा है या नही ये कुछ खास बातों से जानेंगे। सबसे पहले हमारे दिमाग मे यही आता है कि हम कंपनी के टर्नओवर या उसके नाम से जान सकते है कि ये कंपनी कितनी विख्यात है। साथ ही वो कितना कमाती है। लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसी विशेषताएं है जो अच्छे नेतृत्व की होती है। उसमें सबसे पहले होती है कि वो अपने से नीचे पद के व्यक्ति से कैसे पेशाता है। जो व्यक्ति अपने यहां काम करने वाले लोगो से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होता है उसे हम कुशल नेतृत्व वाला व्यक्ति कहते है।काम करने वाले व्यक्ति की समस्या को समझे और उसका समाधान करे। ऐसे बर्ताव करे जिससे वो अपने मन की बात आपके सामने रख सके।कुशल नेतृत्व वाले व्यक्ति का व्यवहार सरल से भी सरल रहता है। वे कोई भी परिस्थिति के लिए पूर्णतः तैयार रहते है। समस्या का जड़ से समाधान करने की कोशिश करते है। हर उतार चढ़ाव के लिए तत्पर रहते है। सभी की सहमति के साथ वे निर्णय लेते है। अपनी उपलब्धियों में नीचे पद के लोगो को भी सम्मलित करते है। वे आज तो कार्य करते ही है। परन्तु वे दूरदृष्टि का भी ज्ञात रखते है। आने वाले सालों में कैसे कार्य करना है उसकी भी तैयारियां करते है।अपने क्रोध पर नियंत्रण रखते है। अपने एम्प्लोयी के साथ हर अच्छे बुरे वक्त में खड़े होते है। ऐसे व्यक्ति को कुशल नेतृत्व वाला या सही लीडरशिप गुण वाला व्यक्ति माना जाता है। ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व से सफलता और खुशी दोनो कहि नही भगति। मुखिया और काम करने वाले लोग दोनो प्रसन्न रहते है।
उपसंहार- आज के युग मे बच्चों को नेतृत्व के गुण देना बेहद आवश्यक हैं।इससे उनका भविष्य उज्ज्वल होने की पूरी संभावना होती हैं। वे जहां भी जाएंगे अपनी छाप छोड़ कर आएंगे। लीडरशिप का गुण हम में से कम लोग के के पास होता हैं। लेकिन जो भी चाहे वो इसे मेहनत और लगन से हासिल कर सकता है।
आखिर कोई भी काम को नामुनकिन न समझते हुए मुमकिन समझना ये भी तो लीडरशिप या नेतृत्व का ही गुण है।
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